
प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर की सांसें हुईं भारी, 499 पहुंचा AQI…रेड जोन में हैं सभी इलाके
Delhi Pollution News: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई है। राजधानी के अधिकांश इलाकों में धुंध छाई हुई है, और सुबह 6 बजे के आसपास विजिबिलिटी बहुत कम हो गई है। दिल्ली और इसके आसपास की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कई इलाकों में तो सड़कों पर कुछ मीटर तक भी दिखाई नहीं दे रहा, जिसके चलते यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
आज प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है। सबसे खराब AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) रोहिणी में 499 दर्ज किया गया है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। दिल्ली के अधिकांश AQI मॉनिटरिंग स्टेशन रेड जोन में हैं, जहां AQI 400 से ऊपर है। समीर ऐप के मुताबिक, दिल्ली का कुल AQI सुबह 6 बजे 462 था। वहीं, aqi.in के अनुसार, दिल्ली की हवा और भी ज्यादा खराब है, और रविवार को दिल्ली का ओवरऑल AQI 645 दर्ज किया गया है।
दिल्ली के कई इलाके इस समय खतरनाक प्रदूषण के प्रभाव में हैं, और इन इलाकों का AQI 400 के पार है।
दिल्ली-एनसीआर के आसपास के इलाकों में भी प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है। गाजियाबाद का AQI 460, गुरुग्राम का 347 और नोएडा का 472 दर्ज किया गया है। NH-24 के पटपड़गंज और आईटीओ, आनंद विहार जैसे क्षेत्रों में जहरीली हवा की मोटी परत दिखाई दे रही है, जो पूरी तरह से शहर को ढक चुकी है। पटपड़गंज का AQI 488 है, जो ‘Severe’ श्रेणी में आता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार उच्च स्तर पर बना हुआ है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, गले में खराश और खांसी की शिकायत हो रही है। प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को बिना किसी जरूरी कारण के घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शनिवार को पहले GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान स्टेज-3) और फिर GRAP-4 के तहत सभी एक्शन लागू कर दिए हैं। इसके बावजूद प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने, घरों में रहकर हवा की गुणवत्ता को नजरअंदाज करने और जितना संभव हो सके बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जाती है। इस समय की हवा विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए हानिकारक है।






