
दिल्ली धमाका। इमेज-सोशल मीडिया
Doctor Arrested in Delhi Blast Case: दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट से जुड़े व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दो और संदिग्धों को दबोचा है। इनमें एक डॉक्टर है, जिन पर आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी को पनाह देने का आरोप है। NIA के अनुसार, गिरफ्तार संदिग्धों में फरीदाबाद के धौज क्षेत्र के सोयब और जम्मू-कश्मीर के बारामूला निवासी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला हैं। ये दोनों इस केस में पकड़े गए सातवें और आठवें आरोपी हैं।
NIA का कहना है कि डॉ. बिलाल लाल किला क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले की साजिश में शामिल था। हमले में 15 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। अदालत ने उसे 7 दिनों की NIA कस्टडी में भेज दिया। जांच के अनुसार, बिलाल ने जानबूझकर डॉ. उमर उन नबी को पनाह दी थी। जो उसी विस्फोटक से भरी कार को चला रहा था, जिसने लाल किला इलाके के बाहर धमाका किया। एजेंसी ने कहा है कि बिलाल ने न सिर्फ आतंकी को शरण दी, बल्कि हमले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने में मदद की। उसे आवश्यक लॉजिस्टिक सहयोग भी मुहैया कराया।
डॉ. बिलाल को दिल्ली स्थित विशेष अदालत में प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना के सामने पेश किया गया। यहां अदालत ने उसे 7 दिनों की NIA कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। इस दौरान लाल किला ब्लास्ट मामले के अन्य आरोपी आमिर राशिद अली की NIA कस्टडी भी 7 दिनों के लिए बढ़ा दी गई। उसे भी बिलाल के साथ कोर्ट में पेश किया गया था। इससे पहले NIA जांच के दौरान डॉ. उमर उन नबी के छह अन्य करीबी साथियों को गिरफ्तार की है।
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एजेंसी सुसाइड बम धमाके से जुड़े सुरागों पर काम जारी रखी हुई है। वह हमले में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए अलग-अलग राज्यों में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर लगातार तलाशी अभियान चला रही। व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के सहयोग से किया था। जांच आगे बढ़ने पर अधिकारियों को फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी तक ले गई, जहां से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किए गए थे।






