(सौ. सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : दिल्ली अक्टूबर महीने में भारत का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां की हवा में ‘पीएम 2.5′ (सूक्ष्म कण प्रदूषण) का औसत स्तर 111 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। एक नए विश्लेषण से यह जानकारी सामने आई है, जिसके अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अधिकतर शहर प्रदूषण के शीर्ष 10 में शामिल थे।
स्वतंत्र थिंकटैंक ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ (सीआरईए) द्वारा किए गए विश्लेषण में पाया गया कि अक्टूबर में दिल्ली सहित एनसीआर के विभिन्न शहरों में प्रदूषण का स्तर बेहद उच्च था। गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, हापुड़, नोएडा, मेरठ, चरखी दादरी, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और बहादुरगढ़ जैसे शहरों में ‘पीएम 2.5′ का स्तर क्रमशः 110, 103, 98, 93, 90, 86, 86, 83 और 83 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया।
दिल्ली की हवा में ‘पीएम 2.5′ प्रदूषण का स्तर सितंबर की तुलना में अक्टूबर में तीन गुना ज्यादा था, जो इस बात का संकेत है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर पर लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
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दिलचस्प बात यह है कि सीआरईए के विश्लेषण से यह भी सामने आया कि अक्टूबर में दिल्ली में होने वाले ‘पीएम 2.5′ प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान केवल 10 प्रतिशत से भी कम था। यह आंकड़ा उस आम धारण से अलग है जो यह मानती है कि दिल्ली का प्रदूषण मुख्य रूप से पराली जलाने के कारण है।
सीआरईए ने इस अध्ययन में यह भी कहा कि हालांकि पराली जलाने का योगदान मामूली था, लेकिन अन्य प्रदूषण स्रोत, जैसे वाहनों से होने वाला धुआं, निर्माण कार्य, और उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण, इस खतरनाक स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।
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