राजस्थान में SEBI के नाम पर निवेशकों को जाल में फंसा रहे हैं साइबर ठग (कॉन्सेप्ट फोटो)
जयपुर: शेयर बाजार में बढ़ते निवेश के साथ ही साइबर ठगों ने एक नया रास्ता ढूंढ निकाला है। अब ये अपराधी खुद को SEBI अधिकारी बताकर लोगों को ठग रहे हैं। राजस्थान पुलिस ने चेतावनी दी है कि ये ठग सेबी के फर्जी लेटरहेड, रिकवरी सर्टिफिकेट और सील का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। ऐसे दस्तावेज़ बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं, जिससे आम निवेशक इनके झांसे में आसानी से आ जाता है। पुलिस का कहना है कि लोगों को पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी दस्तावेज़ की पुष्टि सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर करनी चाहिए।
इन ठगों का मुख्य निशाना वो निवेशक हैं जो किसी फाइनेंशियल विवाद में राहत पाने की उम्मीद में रहते हैं। वे फर्जी आदेश भेजकर लोगों से संपर्क करते हैं और उन्हें पैसा वसूलने या निवेश वापस पाने का भरोसा देते हैं। ठगों द्वारा भेजे गए ईमेल पर भी सेबी जैसी भाषा और फॉर्मेट का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे मामलों में सतर्कता ही बचाव है और किसी भी अनजान ईमेल या दस्तावेज़ पर तुरंत कार्रवाई न करने की सलाह दी गई है।
कैसे बिछाया जा रहा है फर्जी SEBI का जाल
साइबर अपराधी अब निवेशकों को ऐसे मेल या पत्र भेज रहे हैं जो पूरी तरह से सेबी से जारी लगते हैं। इन फर्जी दस्तावेजों में लेटरहेड, सील और हस्ताक्षर की हूबहू नकल होती है। निवेशकों को भरोसे में लेकर ये खुद को अधिकारी बताकर रिकवरी सर्टिफिकेट या अन्य आदेशों के बहाने पैसों की मांग करते हैं। कई बार ये मेल या संदेश इतने असली लगते हैं कि पहचानना मुश्किल होता है। पुलिस के अनुसार, ये ठग पूरी प्लानिंग से काम करते हैं और हर विवरण को वैध दिखाने की कोशिश करते हैं।
कैसे पहचानें असली सेबी आदेश और अधिकारी
सेबी ने इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ सरल उपाय बताए हैं। सेबी द्वारा जारी हर आदेश उसकी वेबसाइट पर मौजूद होता है, जिसे “Enforcement” सेक्शन में देखा जा सकता है। हर दस्तावेज़ में एक यूनिक UDIN नंबर होता है, जिसकी पुष्टि वेबसाइट पर की जा सकती है। अगर कोई खुद को सेबी अधिकारी बताता है, तो वेबसाइट पर उसकी डिटेल जांचना जरूरी है। साथ ही सेबी केवल ‘@sebi.gov.in’ ईमेल से ही संपर्क करता है, किसी भी दूसरे मेल पर भरोसा न करें।