बैंक में 122 करोड़ रुपये का गबन। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: भ्रष्टाचार की दिमक धीरे-धीरे पूरे देश को निगल रही है। सरकारी, निजी हर संस्थान में कुछ दिए-लिए बिना काम नहीं चल रहा। बैंक जैसे क्षेत्र में जहां लोग अपनी मेहनत की पूंजी सुरक्षित रखना चाहते हैं, उनके साथ भी पीठ पीछे धोखा किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में कुल 122 करोड़ का गबन किया गया। मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही है।
दरअसल ‘न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक’ में 122 करोड़ रुपये के गबन के सिलसिले में बैंक के पूर्व अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हिरेन भानु और उनकी पत्नी गौरी भानु वांछित हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी साझा की। धोकाधड़ी के इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है।
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि हिरेन उम्र 58 और गौरी उम्र 50 दोनों गबन के समय बैक में पदासीन थे और वे वर्तमान में विदेश में रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार दंपति को गबन की गई राशि में से 28 करोड़ रुपये मिले थे। अधिकारी ने कहा, “हिरेन ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है और अब वह ब्रिटिश नागरिक है। दंपति फिलहाल विदेश में हैं। भानु दंपति के अलावा सिविल ठेकेदार कपिल देधिया और उन्नतन अरुणाचलम उर्फ अरुण भाई भी इस मामले में वांछित हैं।”
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गबन का मामला तब प्रकाश में आया जब भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋणदाता की नकदी तिजोरियों का निरीक्षण किया, जिसके बाद दादर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी गई। ईओडब्ल्यू ने मुख्य आरोपी बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख हितेश मेहता, बैंक के पूर्व सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) अभिमन्यु भोआन और रियल एस्टेट डेवलपर धर्मेश पौन को गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारी ने कहा, “आरबीआई द्वारा गबन का खुलासा किए जाने के बाद भोआन हिरेन और गौरी से फोन पर संपर्क में था। हालांकि, जब उससे पूछताछ की गई तो भोआन ने दावा किया कि फोन क्षतिग्रस्त हो गया था और गुम हो गया था। भोआन के लैपटॉप में हमें हिरेन भानु के निजी दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, बैंक को आरबीआई के नोटिस आदि मिले।” उन्होंने यह भी कहा कि ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को मेहता पर फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराने के लिए अदालत में आवेदन प्रस्तुत किया और इसकी अनुमति दे दी गई।