केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, फोटो: सोशल मीडिया
Amit Shah Last Warning to Naxals: अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों को 31 मार्च 2026 तक हथियार डालने की अंतिम चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा कि नक्सलियों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। साथ ही, बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के बस्तर पहुंचे और नक्सलियों को उनके हथियार डालने के लिए अंतिम मौका दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नक्सलियों के साथ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है। बस्तर और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने बस्तर के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं और कई विकास योजनाओं का आश्वासन दिया।
अमित शाह बीएसएफ के विशेष विमान से जगदलपुर के दंतेश्वरी एयरपोर्ट पहुंचे, जहां बीजेपी नेताओं ने उनका स्वागत किया। तत्पश्चात वे मां दंतेश्वरी देवी के मंदिर दर्शन के लिए गए। इसके बाद वे लगभग 600 साल पुरानी मुरिया दरबार में शामिल हुए, जो बस्तर दशहरा की प्रमुख रस्म है। इस परंपरा के तहत राजा अपनी जनता की समस्याएं सुनते थे और उनका तत्काल निपटारा करते थे। आज भी इसे प्रतीकात्मक रूप में जारी रखा जाता है।
मुरिया दरबार में अमित शाह ने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 2031 तक हर गांव में 24 घंटे बिजली, स्कूल, पीएससी एवं सीएससी केंद्र होंगे। साथ ही राशन कार्ड, आधार कार्ड और मुफ्त राशन की सुविधा हर परिवार तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के बैंक खाते खुलवाए जाएंगे, जिसमें ‘महतारी वंदन’ जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
नक्सली हिंसा और अस्थिरता के लंबे दौर को पीछे छोड़ कर बस्तर अपनी संस्कृति और विरासत को आगे बढ़ा रहा है। जगदलपुर (छत्तीसगढ़) में भव्य ‘दशहरा महोत्सव’ से लाइव… https://t.co/cUS0mCFk87 — Amit Shah (@AmitShah) October 4, 2025
अमित शाह ने कहा कि नक्सली विकास में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डालकर सरेंडर करें। जो भी सरेंडर करेगा, उसे 50 हजार रुपए के साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा में पुलिस, आम जनता और नक्सली भी मारे गए हैं, जो सब इस क्षेत्र के लोग हैं। हर नक्सल मुक्त गांव में एक करोड़ रुपये के विकास कार्य होंगे।
अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासी, दलित और पिछड़े समाज के विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। बस्तर के युवा डॉक्टर, इंजीनियर और अधिकारी बनें, और नक्सलवाद से दूर रहें, यह सरकार की इच्छा है। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में अस्पताल, स्कूल, मोबाइल टावर लग रहे हैं और धीरे-धीरे ये इलाके नक्सल मुक्त हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और डिप्टी मुख्यमंत्री ने भी नक्सलवाद के खत्म होने तक अभियान जारी रखने का संकल्प जताया है। डिप्टी मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलवाद के पूर्ण समाप्ति तक लड़ाई जारी रहेगी।
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मुरिया दरबार का इतिहास रियासत काल से जुड़ा है, जब राजा 80 परगना के मांझियों से सीधे क्षेत्रीय समस्याएं सुनते और उनका समाधान करवाते थे। आजादी के बाद यह व्यवस्था बदल गई है, लेकिन बस्तर में मुरिया दरबार की परंपरा अब भी जारी है, जहां स्थानीय नेताओं और अधिकारियों द्वारा जनता की समस्याओं का समाधान किया जाता है।