प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: Meta AI)
नवभारत डिजिटल डेस्क: 12वीं के बाद करियर ऑप्शन ऐसा हो, जो डिमांडिंग भी हो और बेहतर सैलरी भी ऑफर करे। इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स के मन में यही सवाल होता है। ऐसे में वर्तमान में न्यू ऐज करियर ऑप्शन कैंडिडेट को ज्यादा मौके भी दे रहे हैं और सैलरी भी। बदलती तकनीक के कारण इन कुछ खास विषयों में विशेषज्ञता रखने वाले कैंडिडेट की मांग बढ़ रही है जानिए इसके बारे में…
आईटी सेक्टर में अब सिर्फ इंजीनियरिंग करने वालों की नहीं, बल्कि नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वालों की भी एंट्री हो रही हैं। इसलिए 12वीं के बाद अधिक युवाओं को मौके मिल रहे हैं। वो योग्यता के मुताबिक प्रोफाइल चुन सकते हैं।
एक ऑटोमेशन इंजीनियर ऐसा सिस्टम तैयार करता है, जिसमें इंसान की भूमिका कम होती है। सारे काम मशीनरी से होते हैं। कई इंडस्ट्री में ऐसा ही हो रहा है। यही वजह है कि ऑटोमेशन इंजीनियर्स की डिमांड बढ़ रही है। कई सेक्शन में इनकी मांग होती है। जैसे- डिजाइन एंड डेवलपमेंट, इम्प्लीमेंटेशन, मेंटनेंस एंड ऑप्टिमाइजेशन और प्रॉब्लम सॉल्विंग आदि।
एक वीडियो गेम को डिजाइन करना, उसके लिए कोडिंग करना, एंगेज करने वाला गेम प्ले करना वीडियो गेम डेवलपर के काम का अहम हिस्सा होता है। गेमिंग को लेकर बढ़ते क्रेज के साथ इनकी मांग भी बढ़ती जा रही है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: Meta AI)
बदलती तकनीक के साथ खतरे भी बढ़े हैं। इसलिए साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट की भी मांग बढ़ी है। एक साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट किसी भी कंपनी के आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉनिटर करता है और उसे सुरक्षित रखने का काम करता है। यह खतरों को समझता है और उसे दूर करता है। साथ ही साइबर अटैक को रोकता है। इनकी मांग सिर्फ आईटी सेक्टर तक ही सीमित नहीं है। दूसरे सेक्टर की कंपनियों में भी ऐसे विशेषज्ञों की मांग रहती है।
यह वो दौर है, जब डाटा को किंग कहा जा रहा है। कंपनियां अब डाटा पर फोकस करके अपनी ग्रोथ को बढ़ा रही हैं। यही वजह है कि डाटा साइंटिस्ट की मांग बढ़ रही है। एक डाटा साइंटिस्ट डाटा को समझता है, उसे विजुअलाइज करके ऐसी बातें सामने लाता है, जो सीधे तौर पर कंपनियों को फायदा पहुंचाती हैं। इसके लिए कई स्किल्स को सीखना पड़ता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा माइनिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग और डीप लर्निंग शामिल है। कुछ साल से यह प्रोफाइल डिमांड में है।
मशीन लर्निंग इंजीनियर एक मशीन लर्निंग इंजीनियर ऐसा एल्गोरिदम तैयार करता है, जो कंप्यूटर को डाटा से चीजें समझने में मदद करता है। ये एक्सपर्ट बड़े डाटा सेट के साथ काम करते हैं, नया मॉडल तैयार करते हैं। न्यूरल नेटवर्क्स जैसी तकनीक को लागू करके एक्यूरेसी को बेहतर बनाते हैं। इसके लिए एआइ, जावा प्रोग्रामिंग, बेसिक मैथ्स और डीप लर्निंग की स्किल की जरूरत होती है।
अलग-अलग सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन को तैयार करने वाली पायथन के विशेषज्ञों की मांग भी बढ़ रही है। ये कोड भी लिखते हैं, उसे डिबग करने का काम भी इनके पास होता है। कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए इनकी खासतौर पर जरूरत होती है, यही वजह है। कि इनकी मांग बढ़ रही है।
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वर्तमान में ज्यादातर बिजनेस ऑनलाइन कॉम्पिटीशन फेस कर रहे हैं। यही वजह है कि अब डिजिटल मार्केटिंग के विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। इसकी सबसे ज्यादा मांग कोविड के दौर से शुरू हुई, जो अब भी बरकरार है। डिजिटल युग का दायरा बढ़ने के साथ इनकी मांग आगे भी बढ़ती रहेगी। इसलिए इस क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों को आगे भी मौके मिलते रहेंगे।