नम्रता ठाकरे का भी शानदार प्रदर्शन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: केंद्रीय लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम घोषित किया। इस बार विदर्भ के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया है। नागपुर की नम्रता ठाकरे ने 671वां रैंक हासिल किया, जबकि अन्य कई विद्यार्थियों ने भी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
इस परीक्षा में यवतमाल जिले के दो छात्रों ने शानदार सफलता प्राप्त की है। अदीबा अनम अशफाक अहमद, जो कि यवतमाल के कळंब चौक इलाके में ऑटो चालक की बेटी हैं, ने पूरे भारत में 142वीं रैंक प्राप्त की है। अदीबा की यह सफलता यवतमाल जिले के लिए गर्व की बात है और वह जिले की सबसे उत्कृष्ट छात्रा के रूप में पहचान बना चुकी हैं।
वहीं, डॉ. जयकुमार शंकर आडे, जो शहर के महावीर नगर के शिक्षक शंकर आडे के बेटे हैं, ने यूपीएससी परीक्षा में 300वीं रैंक प्राप्त की है। डॉ. आडे की यह सफलता उनके परिवार और शहर के लिए गर्व का कारण बनी है। इन दोनों छात्रों की सफलता से यवतमाल जिले में खुशी का माहौल है और इसने जिले के शिक्षा स्तर को ऊंचा किया है। इस साल शक्ति दुबे ने यूपीएससी में पहला स्थान प्राप्त किया है।
वहीं, हर्षिता गोयल ने दूसरा और पुणे के अर्चित डोंगरे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। विदर्भ क्षेत्र के कई अन्य उम्मीदवारों ने भी टॉप रैंक हासिल की हैं। यूपीएससी द्वारा चयनित कुल 1,009 उम्मीदवारों में 335 सामान्य श्रेणी, 109 ईडब्ल्यूएस श्रेणी, 318 ओबीसी श्रेणी, 160 अनुसूचित जाति और 87 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार शामिल हैं। विदर्भ के उम्मीदवारों ने विशेष रूप से भारतीय प्रशासकीय सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में बेहतरीन रैंक प्राप्त की हैं। इस सफलता में भारतीय प्रशासकीय सेवा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र, नागपुर के प्रमोद लाखे के नेतृत्व में दिल्ली में की गई मुलाखतों का भी बड़ा योगदान रहा।
विदर्भ के कई होनहारों ने बाज़ी मारी, जिनमें नागपुर के राहुल रमेश आत्राम का नाम खास तौर पर लिया जा रहा है। राहुल ने इससे पहले 2023 में भी यूपीएससी परीक्षा पास की थी और उन्हें आईपीएस सेवा मिली थी। लेकिन उनका सपना था आईएएस बनना और इस बार उन्होंने वह सपना साकार कर दिखाया। राहुल को इस साल 481वीं रैंक मिली है।
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने 2023 में 663वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की और आईपीएस बने, तब ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे दोबारा परीक्षा देंगे सिर्फ आईएएस के लिए।
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इस मजबूत इरादे के साथ वे फिर से मेहनत में जुट गए और आखिरकार आईएएस बनने का सपना पूरा किया। फिलहाल राहुल एक प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी हैं, लेकिन अब वे जल्द ही आईएएस सेवा में शामिल होंगे। राहुल मूल रूप से गड़चिरोली जिले के रहने वाले हैं और उनके पिता रमेश आत्राम सामाजिक कल्याण विभाग में अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि अपने बचपन से ही उन्होंने समाज की समस्याएं नज़दीक से देखी हैं। इसलिए उन्होंने निश्चय किया कि वे सिर्फ प्रशासनिक सेवा में जाकर ही आम लोगों के लिए कुछ खास कर पाएंगे।
राहुल ने यह भी कहा कि उन्होंने ग्रेजुएशन के दौरान ही ठान लिया था कि वे दिल्ली सिर्फ इंटरव्यू देने के लिए जाएंगे। पढ़ाई नागपुर में ही करेंगे और उन्होंने ये कर दिखाया। उनका मानना है कि नियमित अध्ययन, समय का प्रबंधन और लगातार मेहनत ही सफलता की कुंजी है। राहुल की इस कामयाबी पर उनके परिवार और शिक्षकों से लेकर प्रशासनिक हलकों तक हर कोई गर्व महसूस कर रहा है।
1) अदीबा अनम अशफाक अहमद (142 रैंक)
2) जयकुमार आडे (300 रैंक)
3) श्रीरंग कावरे (396 रैंक)
4) राहुल आत्राम (481 रैंक)
5) सर्वेश बावणे (503 रैंक)
6) सावी बालकुंडे (527 रैंक)
7) सौरभ यावले (669 रैंक)
8) नम्रता ठाकरे (671 रैंक)
9) सचिन बिसेन (688 रैंक)
10) भाग्यश्री नैकाले (737 रैंक)
11) श्रीतेश पटेल (746 रैंक)
12) शिवांक तिवारी (752 रैंक)
13) अपूर्व बालपांडे (649 रैंक)