जयदीप दत्त (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: बार-बार रिजेक्शन मिलने के बाद ज्यादातर लोग हार मान लेते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे चुनौती मानकर अपनी तकदीर खुद लिखते हैं। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है राजस्थान के जयपुर के रहने वाले जयदीप दत्त की, जिन्होंने एमसीए करने के बाद एक अच्छी नौकरी के लिए 50 से ज्यादा कंपनियों में इंटरव्यू दिया, लेकिन हर बार उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खुद का बिजनेस खड़ा करने का फैसला किया। आज वे न केवल एक सफल उद्यमी हैं बल्कि सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं।
जयदीप पढ़ाई में औसत छात्र थे, लेकिन उनका सपना हमेशा कुछ बड़ा करने का था। एमसीए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने आईटी सेक्टर में नौकरी पाने के लिए कई कंपनियों में आवेदन किया, लेकिन हर बार उन्हें नहीं वाला मेल ही मिला।
लगातार असफलताओं के बावजूद जयदीप ने हार नहीं मानी। उन्होंने तय किया कि अगर उन्हें नौकरी नहीं मिल रही, तो वे खुद नौकरी देने वाले बनेंगे। साल 2019 में उन्होंने एफनोसिस इंडिया नाम से एक आईटी कंपनी की शुरुआत की, जो डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मैनेजमेंट और ब्रांड कंसल्टिंग जैसी सेवाएं देती है।
हालांकि, लॉकडाउन के दौरान उन्हें बिजनेस में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने धैर्य बनाए रखा और अपने स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आज उनकी कंपनी करोड़ों का टर्नओवर कर रही है और सैकड़ों युवाओं को रोजगार दे रही है।
अब जयदीप खुद उन युवाओं की मदद कर रहे हैं, जो नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से वे कोलकाता से राजस्थान आए हैं, जहां वे विभिन्न शहरों में कैंपस ड्राइव आयोजित कर रहे हैं। उनका मकसद योग्य और टैलेंटेड युवाओं को सही अवसर देकर उन्हें अच्छी नौकरी और बेहतरीन करियर देने का है।
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जयदीप की कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो बार-बार असफलताओं का सामना कर रहे हैं। अगर आप अपने सपनों को सच करना चाहते हैं, तो हार मानने की जगह खुद अपने लिए नए रास्ते बनाइए—क्योंकि सफलता उन्हीं को मिलती है, जो कभी हार नहीं मानते।