नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप, (फाइल फोटो)
नई दिल्ली : वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन यानी डब्ल्यूटीओ ने बुधवार को कहा है कि ट्रेड पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता बढ़ने और नए-नए कस्टम ड्यूटी लगाए जाने की उम्मीद से मिडियम पीरियड में ग्लोबल ट्रेड प्रभावित हो सकता है। दुनिया भर में व्यापार से जुड़े नियम तय करने वाले डब्ल्यूटीओ की ओर से जारी उत्पाद व्यापार बैरोमीटर के अनुसार, ग्लोबल वस्तु व्यापार 2024 की चौथी तिमाही में स्थिरता आते हुए नजर आ रही है। इसके साल 2025 की शुरूआती महीनों में और भी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। डब्ल्यूटीओ ने कहा है कि दुनियाभर में ट्रेड वॉर जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
डब्ल्यूटीओ ने कहा है कि ट्रेड पॉलिसी से जुड़ी अनिश्चितता में बढ़त और नए टैरिफ लगाए जाने की उम्मीद मध्यम अवधि में व्यापार पर भारी पड़ सकती है। डब्ल्यूटीओ का यह आकलन जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ के ऐलान का असर है। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्तों में चीन और कनाडा समेत कई देशों के खिलाफ नई टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। जिसके जवाब में इन देशों ने भी अमेरिकी इंपोर्ट पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस तरह से दुनिया भर में ट्रेड वॉर छिड़ने के आसार बनते हुए नजर आने लगे हैं।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
अमेरिका के रेसीप्रोकल टैरिफ के जवाब में 0 फॉर 0 स्ट्रेटेजी भारत के लिए बेहतरीन साबित हो सकती है। इसमें भारत स्पेसिफिक टैरिफ लाइन्स या प्रोडक्ट कैटेगरीज की पहचान करके उन पर इंपोर्ट ड्यूटी यानी टैरिफ को भी 0 कर सकता है। इसके जवाब में रेसिप्रोकल टैरिफ के अंतर्गत अमेरिका को भी समान संख्या में प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को जीरो करना पड़ता है। इस तरह अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर इंडिया के द्वारा लिया जा रहा वो हाई टैरिफ तेजी से कम या फिर खत्म हो जाएगा, जिसके बारे में ट्रंप बार-बार बात करते हैं। दूसरी ओर रेसीप्रोकल टैरिफ से भारत पर पड़ने वाला असर भी करीब-करीब खत्म हो जाएगा।