शाकाहारी थाली (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : भारत पाक के बीच तनाव थमने के बाद कई मोर्चे पर देश का प्रदर्शन बेहतरीन हो रहा है। कुछ समय पहले ही खबर आयी थी कि रिटेल महंगाई में पिछले 6 सालों के सबसे निचले स्तर पर आयी है। रिटेल के बाद अब होलसेल इंफ्लेशन के आंकड़े भी सामने आ गए हैं।
खाने के सामान, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स और फ्यूल रेट्स की कीमतों में कमी आने से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति यानी डब्ल्यूपीआई अप्रैल के महीने में घटकर 0.85 प्रतिशत तक रह गई है। बुधवार को सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के आधार पर ये जानकारी मिली है। थोक मूल्य सूचकांक यानी डब्ल्यूपीआई आधारित इंफ्लेशन मार्च में 2.05 प्रतिशत और 2024 के अप्रैल के महीने में 1.19 प्रतिशत रही थी
उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा है कि प्रमुख तौर पर खाने के प्रोडक्ट्स, मैन्युफैक्चरिंग, केमिकल्स और केमिकल प्रोडक्ट्स, अन्य ट्रांसपोर्ट इक्वीप्मेंट के मैन्युफैक्चरिंग व मशीनरी तथा इक्वीप्मेंट के मैन्युफैक्चरिंग आदि की कीमतों में बढ़त इसकी मुख्य वजह रही है।
थोक मूल्य सूचकांक यानी डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों के अनुसार, खाने की कीमतों की मुद्रास्फीति अप्रैल में 0.86 प्रतिशत रही जो साल 2024 के मार्च महीने में 1.57 प्रतिशत थी। अप्रैल में सब्जियों के इंफ्लेशन रेट 18.26 प्रतिशत रही जबकि मार्च में यह 15.88 प्रतिशत रही थी। प्याज में इंफ्लेशन घटकर अप्रैल में 0.20 प्रतिशत रह गई, जबकि मार्च में यह 26.65 प्रतिशत थी। हालांकि, अप्रैल में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में इंफ्लेशन 2.62 प्रतिशत रही, जबकि मार्च में यह 3.07 प्रतिशत थी।
फ्यूल व इलेक्ट्रिसिटी में इंफ्लेशन रेट अप्रैल में 2.18 प्रतिशत रही जो मार्च में 0.20 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से रिटेल इंफ्लेशन पर गौर करता है। सब्जियों, फलों एवं दालों की कीमतों में नरमी आने से अप्रैल में रिटेल इंफ्लेशन रेट घटकर करीब 6 साल के निचले स्तर 3.16 प्रतिशत पर आ गई। इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लिए जून की मौद्रिक नीति समीक्षा यानी एमपीसी में रेपो दर में एक और कटौती की पर्याप्त गुंजाइश बन गई है।
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति 3.16 प्रतिशत रही, जो जुलाई, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। जुलाई, 2019 में ये दर 3.15 प्रतिशत थी। मार्च 2025 में रिटेल इंफ्लेशन 3.34 प्रतिशत और अप्रैल 2024 में 4.83 प्रतिशत थी।आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति यानी मॉनिटरी पॉलिसी की पिछली बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)