(डिजाइन फोटो/ नवभारत लाइव)
नई दिल्ली: दुनिया के अधिकतर देशों में आयकर (Income Tax) सरकार की आय का मुख्य जरिया होता है। भारत की बात करें तो यहां इनकम टैक्स को लोगों की कमाई के अनुसार लगाया जाता है, यानी जो लोग कम कमाते हैं, उन्हें कम आयकर और जो ज्यादा कमाते हैं तो उन्हें ज्यादा टैक्स का भुगतान करना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां इनकम टैक्स वसूला ही नहीं जाता है, यानी लोगों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है।
गौरतलब है कि 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करने वाली हैं। बजट में जिस ऐलान पर देश की जनता की निगाहें सबसे ज्यादा टिकी होती हैं, वो है आयकर छूट यानी की इनकम टैक्स से राहत की उम्मीद। लेकिन आज हम आपको ऐसे देशों के बारे में बताते हैं, जहां एक रुपया भी टैक्स नहीं लिया जाता है। इस बीच सवाल यह उठता है कि आखिर बिना कोई टैक्स इन देशों की सरकार कैसे चलती है।
दुनिया की डायरेक्ट टैक्स मुक्त इकोनॉमी वाले देशों पर नजर डालें, तो इसमें पहले नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का नाम आता है। देश में जनता से किसी भी तरह का कोई व्यक्तिगत टैक्स नहीं लिया जाता है। सरकार अप्रत्यक्ष करों जैसे वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) और अन्य शुल्कों पर निर्भर करती है। UAE Economy तेल और टूरिज्म की वजह से काफी मजबूत है। इसी वजह से यूएई में लोगों को इनकम टैक्स से राहत दी गई है।
टैक्स फ्री देशों की लिस्ट में बहरीन का नाम भी शामिल है और इस देश में भी जनता से कोई टैक्स नहीं वसूला जाता है। देश की सरकार भी दुबई की तरह ही प्रमुख तौर पर डायरेक्ट टैक्स के बजाय अप्रत्यक्ष करों और अन्य शुल्कों पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि ये तरीका देश के छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए बेहद अनुकूल साबित होता है और इससे इकोनॉमी में भी रफ्तार आती है।
बता दें कि टैक्स फ्री देशों (Tax Free Countries) की लिस्ट में कुवैत भी शामिल है। इस देश में भी किसी तरह का कोई व्यक्तिगत इनकम टैक्स का प्रावधान नहीं है। पूरी तरह से तेल से होने वाली इनकम पर निर्भर देश की इकोनॉमी भी जनता से एक भी रुपया टैक्स के रूप में बिना वसूले चलती है। दरअसल इसके पीछे के कारणों की बात करें, तो कुवैत की इकोनॉमी में सबसे बड़ा हिस्सा तेल निर्यात (Oil Export) से ही आता है, जिससे सरकार को डायरेक्ट टैक्स लेने की कोई जरूरत ही नहीं होती। ये मॉडल अपनाने के बाद टैक्स-फ्री कंट्री होने के बावजूद भी कुवैत एक समृद्ध अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरा है।
सऊदी अरब ने भी अपनी जनता को टैक्स के जंजाल से पूरी तरह मुक्त रखा हुआ है और देश में डायरेक्ट टैक्स को समाप्त किया जा चुका है। मतलब इस देश में भी लोगों को अपनी कमाई का एक भी हिस्सा टैक्स के तौर पर खर्च नहीं करना होता है। हालांकि, इस देश में भी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था मजबूत है और इससे प्राप्त होने वाले पैसों से इकोनॉमी को बूस्ट मिलता है और इसकी गिनती भी समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में की जाती है।
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पर्यटकों के लिए जन्नत कहा जाने वाला द बहमास देश वेस्टर्न हेमिस्फीयर में पड़ता है। इस देश की खास बात है कि यहां रहने वाले नागरिकों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। बहरीन और कुवैत के अलावा खाड़ी देश ओमान भी इस लिस्ट में शामिल है। ओमान के जो नागरिक हैं, उन्हें इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। इसकी वजह ओमान का मजबूत ऑयल और गैस सेक्टर माना जाता है। ओमान, बहरीन और कुवैत की तरह कतर का भी ऐसा ही हाल है। कतर भी अपने ऑयल सेक्टर में काफी मजबूत है। यह देश बेशक छोटा है, लेकिन यहां रहने वाले काफी अमीर हैं। यहां पर भी इनकम टैक्स नहीं वसूला जाता है।