ज्योतिरादित्य सिंधिया (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : टेलॉकॉम कंपनियों ने हाल ही में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एक बैठक की है। इस बैठक में उन्होंने नए लाइसेंसिंग नियमों पर अपनी सिफारिश में व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप को शामिल न करने के ट्राई के फैसले पर गंभीर चिंता जतायी है। इस मीटिंग के बाद कुछ सूत्रों ने बताया है कि कंपनियों ने समायोजित सकल राजस्व यानी एजीआर पेमेंट से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की है।
सिंधिया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर यानी टीएसपी की हितधारक सलाहकार समिति के साथ एक सार्थक बैठक की अध्यक्षता की। साथ मिलकर हमने कस्टमर की संतुष्टि बढ़ाने, प्रोसेस को सुव्यवस्थित करने और सर्विस की क्वालिटी में सुधार लाने से संबंधित अहम मुद्दों पर चर्चा की, जिससे सभी के लिए कनेक्टिविटी, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित हो सके।”
Chaired a productive meeting with the Stakeholder Advisory Committee of the Telecommunication Service Providers (TSPs).
Together, we discussed key issues related to enhancing customer satisfaction, streamlining processes and improving quality of service, thus ensuring… pic.twitter.com/U8mKIWPn1M
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) September 24, 2024
बैठक में रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी, वोडाफोन-आइडिया यानी वीआईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ अक्षय मूंदड़ा, भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक यानी एमडी और सीईओ गोपाल विट्टल और बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक यानी सीएमडी रॉबर्ट जे रवि शामिल हुए। सूत्र ने बताया, “सभी कंपनियों ने ट्राई द्वारा सर्विस प्राधिकरण पर अपनी सिफारिश में ओवर-द-टॉप यानी ओटीटी ऐप को बाहर रखे जाने पर चिंता जताई। वीआईएल और भारती एयरटेल ने एजीआर का मुद्दा उठाया।”
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दूरसंचार कंपनियां लंबे समय से कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स यानी ओटीटी को टेलीकॉम लाइसेंस के दायरे में लाने की मांग कर रही हैं क्योंकि वे किसी भी टेलीकॉम कंपनी की तरह कॉलिंग और मैसेजिंग सर्विस प्रदान करते हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया और दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत नए लाइसेंसिंग नियमों पर अपनी सिफारिश से इन ऐप को बाहर रखा।
वीआईएल ने एजीआर मुद्दे के कारण बिजनेस की हेल्थ पर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई, जिसका भारती एयरटेल ने भी समर्थन किया।पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने वीआईएल की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह मानदंडों को पूरा नहीं करती। वीआईएल पर 70,320 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल पर करीब 21,500 करोड़ रुपये की एजीआर देनदारी है। बैठक के दौरान सिंधिया ने परेशान करने वाले स्पैम कॉल और एसएमएस की समस्या पर चर्चा की। सूत्र ने कहा, “कंपनियों को अनचाहे कमर्शियल कॉल को लेकर कुछ चिंता है, जिस पर टेलीकॉम विभाग ने ध्यान दिया है।”
टेलीकॉम कंपनियों के बाद सिंधिया ने डिक्सन टेक्नोलॉजीज, नोकिया, एरिक्सन, स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज और वीवीडीएन आदि दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)