प्रतीकात्मक तस्वीर
Share Market Update: घटनाक्रमों से भरे आगामी सप्ताह में कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के परिणाम और महंगाई के आंकड़े स्थानीय शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। इसके अलावा वैश्विक बाजार का रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से भी बाजार को दिशा मिलेगी। फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अलमंड्ज ग्लोबल के सीनियर इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट सिमरनजीत सिंह भाटिया ने कहा कि वैश्विक संकेतक घरेलू शेयर बाजार का रुख तय करते रहेंगे, लेकिन निवेशकों की निगाह भारत-अमेरिका के बीच जारी व्यापार वार्ता के संभावित नतीजों पर रहेगी।
अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है, ऐसे में कुल मिलाकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। इस अनिश्चित माहौल में कारोबारी कोई बड़ा सकारात्मक दांव लगाने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अगले कुछ सप्ताह के दौरान निवेशकों की निगाह कंपनियों के पहली तिमाही की नतीजों पर रहेगी।
एक अन्य एनालिस्ट ने कहा कि पिछले सप्ताह बाजार में एक प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जिसकी मुख्य वजह वैश्विक स्तर पर शुल्क को लेकर बनी अनिश्चितता और तिमाही नतीजों के सीजन की निराशाजनक शुरुआत थी। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 932.42 अंक या 1.11 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 311.15 अंक या 1.22 प्रतिशत टूट गया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष- रिसर्च अजित मिश्रा ने कहा कि आगे देखें तो कंपनियों का तिमाही नतीजों का सत्र महत्वपूर्ण रहेगा। सप्ताह के दौरान एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, विप्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी बड़ी कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे आने हैं। मैक्रोइकोनॉमिक मोर्चे पर, बाजार भागीदारों की निगाह 14 जुलाई को आने वाले थोक मूल्य सूचकांक आधारित (WPI) महंगाई और खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी। इसके साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। वैश्विक स्तर पर, बाजार व्यापार वार्ता और शुल्क से संबंधित किसी भी घटनाक्रम के साथ-साथ अमेरिकी महंगाई और चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जैसे प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखेगा।
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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख- रिसर्च, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि जैसे-जैसे कंपनियों के तिमाही नतीजों का सत्र आगे बढ़ेगा, कुछ शेयर विशेष गतिविधियों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि व्यापार वार्ताओं को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण बाजार में अभी कमजोरी कायम रहने की संभावना है। निवेशक अब थोक और खुदरा महंगाई जैसे प्रमुख घरेलू वृहद आकड़ों, पहली तिमाही के वित्तीय परिणामों और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से संबंधित घटनाक्रमों पर नजर रखेंगे। व्यापार शुल्क को लेकर बाजार की धारणा कमजोर बनी हुई है।