एसबीआई (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : देश की प्रमुख बैंको में से एक भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार ये पता चला है कि इस तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ लगभग 6.5 प्रतिशत हो सकती है। हालांकि इस रिपोर्ट में ये बात भी साफ तौर पर स्पष्ट की गई है कि इस दूसरी तिमाही में विकास में मामूली गिरावट आयी है, जिसके कारण अस्थायी मंदी हो सकती है।
एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में विकास में आयी गिरावट एक गतिरोध साबित हो सकती थी, लेकिन ग्रामीण मांग में उछाल से रिकवरी की गति फिर से बढ़ गई है, जो बेहतर इनकम लेवल का संकेत हैं।
एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर के महीने में रिकवरी देखी गयी है, जिससे ये पता चला है कि वित्त वर्ष 2024-25 तीसरी और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ करीब 7 प्रतिशत के करीब आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ करीब 6.5 प्रतिशत हो सकती है और तीसरी और चौथी तिमाही में सालाना आधार पर जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत के करीब आ सकती है।
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हालांकि, रिपोर्ट में बदलते उपभोक्ता व्यवहार को दर्शाने के लिए “सॉफ्ट डेटा” को सटीक रूप से कैप्चर करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, खासकर जब शहरी क्षेत्रों में क्विक कॉमर्स (क्यू-कॉमर्स) जोर पकड़ रहा है। इसने यह भी बताया कि ग्रामीण मांग मजबूत रही है, जो उच्च उपभोक्ता भावना से समर्थित है। यह सकारात्मक भावना दर्शाती है कि निम्न-आय वाली आबादी का समर्थन करने के उद्देश्य से सरकारी पहल प्रभाव डाल रही है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में, ग्रामीण उपभोक्ता भावना लगातार 100 से ऊपर रही है और धीरे-धीरे शहरी उपभोक्ता भावना के स्तर के अनुरूप हो रही है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के सभी महीनों में, ग्रामीण उपभोक्ता भावना 100 से अधिक है और धीरे-धीरे शहरी उपभोक्ता भावना के अनुरूप हो रही है।