मुद्रास्फीति (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: पिछले महीने क्या फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में आपको कुछ बदलाव देखने के लिए मिला? अगर आपका जवाब हां में है, तो आप बिल्कुल सही है। हाल ही में जारी किए गए सरकारी आंकडों के अनुसार ये जानकारी पता चली है कि भारत की रिटेल इंफ्लेशन यानी सीपीआई अप्रैल के महीने में पिछले 6 सालों के सबसे न्यूनतम स्तर पर आ गई है। अप्रैल महीने में ये दर 3.16 प्रतिशत रही है?
अप्रैल 2025 में फूड इंफ्लेशन गिरकर 1.78 प्रतिशत पर आ गई है। मार्च के महीने में ये दर 2.69 प्रतिशत थी और फरवरी में ये दर 3.75 प्रतिशत रही थी। जिससे ये साफ पता चलता है कि खाने की थाली भी काफी हद तक सस्ती हुई है। हालांकि सब कुछ सस्ता नहीं हुआ है तेल, फल और दूध जैसी चीजें अभी भी महंगी रही हैं।
अगर हर महीने की बात की जाए तो सब्जियों, दालों, अंडों और मांस-मछली की कीमतें हल्की बढ़ी है। हालांकि फल, दूध और तेल की कीमतों में भी उछाल जारी है। सभी मिलाकर, फूड एंड बेवरेजेस में सालाना 2.14 प्रतिशत की बढ़त हुई, जबकि मार्च के महीने में ये दर 2.88 प्रतिशत थी।
3 महीने लगातार महंगाई 4 प्रतिशत से भी नीचे रही है। ऐसा पिछले 6 सालों में पहली बार हुआ है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक पोल में 21 इकोनॉमिस्ट ने अनुमान लगाया था कि अप्रैल के महीने में महंगाई 3.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। हालांकि ऐसी भी उम्मीद जतायी जा रही है कि असली आंकड़ा उससे भी नीचे रह सकता है।
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अप्रैल के महीने में महंगाई के मोर्चे पर राहत आने के बाद सभी की नजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई पर रहने वाली है। पिछले महीने आरबीआई की एमपीसी ने रेपो रेट 6 प्रतिशत तक कर दिया था और अब उम्मीद की जा रही है कि जून महीने में होने वाली एमपीसी में एक और कटौती की जा सकती है।