किसानों ने सरकार के सामने बजट को लेकर रखी ये मांग
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट से पहले होने वाली बैठकों के क्रम में किसान प्रतिनिधियों और कृषि हितधारकों के साथ एक बैठक की। इस दौरान किसानों ने सरकार से सस्ता लोन उपलब्ध कराने, कम टैक्स लागू करने और पीएम-किसान आय सहायता को दोगुना करने का आग्रह किया। बैठक में दो घंटे तक विभिन्न प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान वित्तीय राहत, बाजार सुधार और रणनीतिक निवेश जैसी कृषि क्षेत्र की कई चुनौतियों का समाधान करने पर विचार किया गया।
भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने कृषि उत्पादकता और किसान कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया। किसानों की मुख्य मांगों में कृषि लोन पर ब्याज दर को एक प्रतिशत तक कम करना और वार्षिक पीएम-किसान किस्त को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करना शामिल था।
बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
इसके अलावा किसान हितधारकों ने टैक्स सुधार प्रस्तावों के तहत कृषि मशीनरी, उर्वरक, बीज और दवाओं पर जीएसटी छूट की मांग की। पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कीटनाशक पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का अनुरोध किया। जाखड़ ने राष्ट्रीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए चना, सोयाबीन और सरसों जैसी विशिष्ट फसलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आठ वर्षों के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये की लक्षित निवेश रणनीति का प्रस्ताव रखा।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सिस्टम की व्यापक समीक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि एमएसपी की गणना में भूमि किराया, कृषि मजदूरी और कटाई के बाद के खर्चों को शामिल करना चाहिए। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त तथा कृषि मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को सरकार को अगले वित्त वर्ष के बजट में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक औद्योगिक नीति लाने और राजकोषीय मजबूती में ढील देने का सुझाव दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की और 2025-26 के आम बजट पर उनके विचार मांगे। बजट एक फरवरी 2025 को संसद में पेश किये जाने की संभावना है।