ईरान-इजरायल युद्ध का भारत पर कितना असर, (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच लगातार पांच दिनों से जंग जारी है। दोनों देशों के बीच हो रहे हमले में आम लोगों की जान जा रही है। वहीं, आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान की राजधानी तेरहान को खाली करने का सुझाव दिया है। ऐसे में इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई है कि अगर ये जंग आगे भी जारी रहा, तो भारत पर इसका क्या असर होगा।
मौजूदा समय की बात करें तो इस युद्ध का भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, लेकिन अगर यह जंग लंबे समय तक जारी रहा या दूसरे देश भी इसमें कूद पड़े, तो स्थिति बदल सकती है। भारत सरकार और वित्त मंत्रालय स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं, ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें।
यदि ईरान और इजरायल के बीच यह युद्ध लंबे समय तक चलता रहा, तो भारत को सबसे बड़ा झटका तेल की कीमतों से लग सकता है। भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 फीसदी तेल अन्य देशों से आयात करता है। अगर तेल महंगा हुआ, तो आम लोगों के लिए पेट्रोल-डीजल, गैस और बाकी चीजें बी महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा, यदि ‘स्ट्रेट ऑफ होरमुज’ बंद हुआ तो तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। इराक के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर यह अहम समुद्री रास्ता बंद हो गया, तो तेल की कीमतें 200 से 3000 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। इससे पूरी दुनिया में उर्जा संकट खड़ा हो सकता है। भारत को इस संकट से निपटने के लिए अपने तेल भंडार की तैयारी रखनी चाहिए।
देश की कई बड़ी कंपनियां जो पेट्रोल या इससे संबंधित उत्पादों पर निर्भर हैं, जैसे कि IOC, BPCL, HPCL इनकी कमाई पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, जो कंपनियां खुद तेल निकालती हैं, उनकी कमाई बढ़ सकती है, लेकिन उसपर भी सरकार की पॉलिसी का असर होगा। हवाई जहाज में इस्तेमाल किए जाने वाला फ्यूल भी तेल से बनता है। अगर तेल की कीमत बढ़ती है, तो हवाई यात्रा भी महंगे हो सकते हैं। इसके साथ ही पेंट बनाने वाली कंपनियां, केमिकल, फर्टिलाइजर और कार मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों पर भी सीधा असर देखने को मिल सकती है। इससे कई चीजें महंगी होने की उम्मीद है।
युद्धरत ईरान और इजरायल, इन दोनों देशों के साथ भारत का व्यापारिक संबंध काफी बेहतर है। अगर, युद्ध ऐसे ही चलता रहा, तो इन देशों में माल भेजना और इन देशों से माल मंगवाना बेहद ही मुश्किल का काम हो सकता है। जहाजों को अपने मार्गों को बदलने पड़ सकते हैं और इस स्थिति में इंश्योरेंस खर्च भी बढ़ सकते हैं।
भारत कई दवाइयां मध्य-पूर्व के देशों में भेजता है। अगर हालात बिगड़े, तो वहां भेजे जाने वाले ऑर्डर रुक सकते हैं। पहले भी जब हमास और इजरायल में लड़ाई हुई थी, तो भारत के टेक्सटाइल के ऑर्डर रुक गए थे।
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भारत की कई बड़ी कंपनियों जैसे TCS, Wipro, Adani Group, SBI, Sun Pharma और Infosys के इजरायल में ऑफिस हैं। अगर लड़ाई जारी रही, तो उनके कर्मचारियों और बिजनेस दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। कुछ कंपनियों ने पहले से प्लान बनाना शुरू कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो अपने काम को भारत शिफ्ट कर दें।