इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने सीएनजी की कीमतों में की बढ़ोतरी
नई दिल्ली: महारष्ट्र और झारखंड चुनाव के नतीजों के बाद आम जनता की पॉकेट पर महंगाई की मार पड़ी है। दरअसल, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने दिल्ली के बाहर सीएनजी की कीमतें बढ़ा दी हैं। जिसके बाद से अब कानपुर, हमीरपुर और फतेहपुर में एक किलों सीएनजी के लिए 4 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। वहीं, दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, करनाल और कैथल में प्रति किलो 2 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली, महोबा, बांदा और चित्रकूट में 3 रुपये प्रति किलो कीमतें बढ़ी हैं।
वहीं,अजमेर, पाली और राजसमंद में 1.5 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की गई है। लेकिन, दिल्ली वालों के लिए राहत की खबर है। क्योंकि, कंपनी ने दिल्ली की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। बता दें कि आईजीएले के लिए दिल्ली सबसे बड़ा मार्केट है। यहां कंपनी की कुल खपत 70 फीसदी का है। जबकि बाकि 30 फीसदी का खपत दिल्ली के बाहर के इलाके में है।
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रविवार के दिन इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने दिल्ली के बाहर के इलाकों में सीएनजी की कीमतों 1.5 रुपये से लेकर 4 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी की है। ये बढ़ोतरी उन इलाकों के लगभग 30% हिस्से को प्रभावित करेगी। जिन इलाकों में IGL काम करती है। दिल्ली में अभी CNG की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। खपत के अनुसार दिल्ली IGL के लिए बाजार का एक अहम हिस्सा है।
हालांकि, IGL और अडानी टोटल गैस जैसी कंपनियां सस्ती गैस की सप्लाई में दूसरी बार कटौती के बाद कीमतें और बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। मुंबई में पहले ही CNG की कीमतें बढ़ चुकी हैं। महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने मुंबई में CNG की कीमतें 75 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 77 रुपये प्रति किलो कर दी हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि सस्ती गैस की सप्लाई कम हो रही है। इससे CNG की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। यह ग्राहकों पर बोझ बढ़ा रहा है।
सरकार ने 16 नवंबर से पुरानी गैस फील्ड से मिलने वाली सस्ती प्राकृतिक गैस की सप्लाई में 20% की कटौती की है। इससे पहले 16 अक्टूबर को भी सप्लाई में 21% की कटौती की गई थी। इसके बाद, IGL, MGL और अडानी टोटल गैस जैसी गैस कंपनियों ने एक्सचेंज फाइलिंग में अपनी प्रॉफिटेबिलिटी पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जताई थी।
साथ ही, इन कंपनियों ने सप्लाई में कमी के असर को कम करने के लिए कीमतें बढ़ाने के संकेत भी दिए थे। उन्होंने कहा था, ‘कंपनी अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अगली बैठक में इस मामले पर विचार करेंगी कि कैसे सस्ती घरेलू गैस की सप्लाई में कमी के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान को कम किया जाए।’