बी त्यागराजन (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : सीआईआई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ड्यूरेबल्स समिट’ 2024 कार्यक्रम में उद्योग मंडल सीआईआई की ओर से बयान दिया गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2029-30 तक भारत का सतत उपभोक्ता सामान बाजार का कारोबार 5 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि 2027 तक ये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार बन सकता है।
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सतत वस्तुओं पर भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई की राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन बी. त्यागराजन ने कहा कि हालांकि देश के उत्पाद ग्लोबल विश्वसनीयता की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन एक मजबूत परिवेश का निर्माण करना और क्षेत्र में स्टैंडर्डाइजेशन को अपनाना तथा ग्लोबल लेवल पर भारतीय स्टैंडर्ड्स को पहुंचाना भी जरूरी है। ‘सीआईआई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ड्यूरेबल्स समिट’ 2024 में त्यागराजन ने कहा कि अगले दशक में इस क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला में कई अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है। त्यागराजन ब्लू स्टार लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ तैयार माल के साथ-साथ स्वदेशी घटक परिवेश के विकास से लेकर लोकल लेवल पर सही तरीके से ध्यान देने तक, भारत के ग्लोेबल मैन्यूफैक्चरिंग महाशक्ति बनने की संभावनाएं काफी प्रबल हैं।”
त्यागराजन ने कहा, ‘‘ भारत पहले से ही दुनिया में उपभोक्ता सस्टेनेबल वस्तुओं के लिए सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ प्रमुख बाजार है और 2027 तक इसके चौथा सबसे बड़ा बाजार बनने की उम्मीद की जा रही है। फाइनेंशियल ईयर 2029-30 तक बाजार का एक्सपेक्टेड साइज 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।”
उन्होंने कॉम्पीटिशन को बढ़ावा देने और भारत को आत्मनिर्भर तथा टेक्निकल रूप से उन्नत ग्लोबल प्लेयर बनाने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन यानी पीएलआई योजना सहित विभिन्न पहलों के जरिये इस क्षेत्र को सरकार से मिल रहे समर्थन की सराहना भी की है। त्यागराजन ने कहा, ‘‘ हम जो स्पीड देख रहे हैं, वह साफ संकेत दे रहा है कि भारत ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग प्लेटफॉर्म के एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। हम देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 25 प्रतिशत योगदान करने के मैन्यूफैक्चरिंग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। 500 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई और 8.5 लाख से अधिक नौकरियों के सृजन के साथ प्रगति निर्विवाद है। मिसाल के तौर पर एयर कंडीशनिंग क्षेत्र के 2040 तक दुनिया में सबसे बड़ा बनने की उम्मीद है।”
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क्वालिटी के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पाद ग्लोबल विश्वसनीयता की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ क्वालिटी परिवेश को मजबूत करने से उत्पादों में उपभोक्ता का विश्वास बढ़ता है, इसलिए एक मजबूत क्वालिटी परिवेश का निर्माण करना और क्षेत्र में स्टैंडर्डाइजेशन को अपनाना तथा प्रधानमंत्री तथा भारत सरकार की परिकल्पना के तहत ग्लोबल लेवल पर भारतीय स्टैंडर्ड का पहुंचाना भी अनिवार्य है।”
त्यागराजन ने कहा, ‘‘ ग्लोबल लेवल पर भारतीय स्टैंडर्ड को अपनाकर और बढ़ावा देकर हम इंटरनेशनल मार्केट में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे उत्पाद दुनिया भर के उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं पर खरे उतरें हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि हमने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन क्षेत्र में रिसर्च एंड डेव्हलप्मेंट को बढ़ावा देने के लिए अभी और काम किया जाना बाकी है। साथ ही इनोवेशन सबसे ज्यादा जरूरी है।” उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी, खासकर कृत्रिम मेधा यानी एआई में प्रगति ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है तथा इसे नए बाजार अवसर और नए एप्लीकेशन उपलब्ध कराए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)