पूर्व ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ
हैदराबाद : हैदराबाद में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस यानी ISB के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि देश की असली आर्थिक प्रगति तभी संभव है जब उद्योग जगत और शोध संस्थानों के बीच गहरा और प्रभावी सहयोग हो। उन्होंने इस कार्यक्रम को एक बेहतरीन अनुभव बताया और ISB को एक वैश्विक प्रतिष्ठा प्राप्त बिजनेस स्कूल बताया।
सोमनाथ ने अपने संबोधन में भारत में अंतरिक्ष व्यापार (Space Business) के भविष्य और केंद्र सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष उद्योग को 5 से 6 गुना बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने ISB के छात्रों की प्रतिभा और रिसर्च क्षमताओं की भी सराहना की और कहा कि ट्रांसलेशनल रिसर्च और इंडस्ट्री-शोध संस्थानों के बीच समन्वय से ही देश की आर्थिक तस्वीर बदलेगी।
इससे पहले केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में जानकारी दी कि श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में ISRO का तीसरा लॉन्च पैड (Third Launch Pad – TLP) बनाया जाएगा। इस परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है और इसके लिए 3984.86 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है।
मंत्री ने बताया कि TLP की स्थापना अगले चार वर्षों में पूरी की जाएगी। यह नया लॉन्च पैड ISRO के नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV) के लिए तैयार किया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 90 मीटर होगी और इसका लिफ्ट-ऑफ मास लगभग 1000 टन होगा। मौजूदा लॉन्च पैड्स इतने बड़े और भारी रॉकेट्स को लॉन्च करने में सक्षम नहीं हैं।
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नए प्रोपल्शन सिस्टम, जो कि लिक्विड मीथेन पर आधारित है, के लिए विशेष सुविधाएं चाहिए, जो वर्तमान लॉन्च पैड्स में मौजूद नहीं हैं। NGLV को हॉरिजॉन्टल इंटीग्रेशन के जरिए तैयार किया जाएगा और फिर उसे लॉन्च पैड तक ले जाकर खड़ा किया जाएगा। इसमें Tiltable Umbilical Tower (TUT) की तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। यह नया लॉन्च पैड भविष्य में भारत के क्रूड लूनर मिशन (चंद्रमा पर मानव मिशन) के लिए भी आधार बनेगा।