प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 28 मार्च को खत्म हुए हफ्ते के दौरान 6.596 अरब डॉलर बढ़कर 665.396 अरब डॉलर हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में 4.53 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी। यह लगातार चौथा हफ्ता है, जब देश का विदेशी बढ़ा मुद्रा भंडार है। हाल ही में रुपये में अस्थिरता को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ पुनर्मूल्यांकन के कारण इसमें गिरावट का रुख था।
सितंबर 2024 के अंत तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 बिलियन डॉलर के ऑल-टाइम हाई लेवल पर चला गया। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 28 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां भी 6.16 अरब डॉलर बढ़कर 565.01 अरब डॉलर हो गया। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
बता दें कि इस दौरान गोल्ड रिजर्व भंडार भी बढ़ा। आरबीआई ने कहा कि समीक्षाधीन हफ्ते में स्वर्ण भंडार भी 519 मिलियन डॉलर बढ़कर 77.79 बिलियन डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (SDR) 65 मिलियन डॉलर घटकर 18.18 बिलियन डॉलर रह गए। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास देश का रिजर्व आरक्षित भंडार 1.6 करोड़ डॉलर घटकर 4.41 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के भी विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है।
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जैसा कि हम जानते हैं कि विदेशी मुद्रा एसेट्स में डॉलर, यूरो, पाउंड, येन जैसी दूसरे देशों की मुद्राएं शामिल होती हैं। देश के विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल वैश्विक देनदारियों का भुगतान करने, मौद्रिक नीति के क्रियान्वयन के लिए, विदेशों से लिए कर्ज को चुकाने और भारतीयों द्वारा विदेशों में पढ़ाई, इलाज या घूमने के दौरान किए गए खर्च में किया जाता है। 28 मार्च को रुपया 85.2350 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो सप्ताह के लिए 0.3% की बढ़त रही। पिछले दो सप्ताहों में 2% की बढ़त को बढ़ाता है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में इसकी रिजर्व ट्रैंच स्थिति भी शामिल है।