पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो-सोशल मीडिया)
Trumps Tariff Policy Impact On India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगाए जाने वाली टैरिफ पॉलिसी का सभी को बेसब्री से इंतजार था। अब खबर आ रही है कि ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
ये टैरिफ सरकार के द्वारा अनुमानित दायरे से काफी ज्यादा है। इसके साथ ही ट्रंप ने रूस के साथ ट्रेड जारी रखने के लिए भारत पर पेनाल्टी भी लगायी है। एक्सपर्ट की इसको लेकर राय है कि हालांकि ट्रंप का ये फैसला भारत के लिए एक तगड़ा झटका है, लेकिन अभी उम्मीद खत्म नहीं हुई क्योंकि भारत की अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत अभी भा जारी है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेसीप्रोकल टैरिफ की दरों के ऐलान के बाद अब पूरा मामला रणनीति और कैलक्यूलेशन पर निर्भर करेगी। इसके साथ इसपर भी फोकस रखना चाहिए कि अभी भा भारत और अमेरिका के बीच मे बातचीत का दौर जारी है और अगस्त के महीने में एक अमेरिकी टीम भी भारत का दौरा करने वाली है। एक्सपर्ट्स की राय हैं कि हाई टैरिफ रेट इंडियन प्रोडक्ट्स के लिए चैलेजिंग है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड का आकार इतना बड़ा नहीं है कि इससे इंडियन इकोनॉमी को जोरदार झटका लगेगा। उनका मानना है कि अभी चीजें क्लियर होने में वक्त लग सकता हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट एसएम उन्नीकृष्णन के अनुसार, इस फैसले का सीधा असर 2 सेक्टर पर होगा। जिसमें फार्मा सेक्टर और टेक्सटाइल सेक्टर शामिल हैं। इसके अलावा, जेम्स और ज्वेलरी से जुड़े सेक्टर पर भी इसका असर देखने के लिए मिल सकता है।
बताया जा रहा है कि ट्रंप के इस फैसले से उन एक्सपोर्टर्स को नुकसान होगा, जो अमेरिकी मार्केट्स में वियतनाम, दूसरी एशियाई कंपनियों और इंडोनेशिया से मुकाबला करते हैं। इन देशों पर भारत की तुलना में कम टैरिफ से अमेरिकी मार्केट्स में इंडियन कंपनियों की बढ़त खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही भारत के टॉप एक्सपोर्ट्स जैसे कि फार्मा, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और गोल्ड सेक्टर पर 25 प्रतिशत टैरिफ का दबाव बढ़ जाएगा।
ये भी पढ़ें :- ट्रंप ने भारत पर फोड़ा टैरिफ बम, 25% टैरिफ का ऐलान, कहा- दोस्त होकर भी नहीं…
साथ ही मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, साथ ही कॉम्पीटिशन पर भी असर पड़ेगा। टेक्सटाइल और अप्रैरल सेक्टर के लिए दूसरे मार्केट्स में जहां टैरिफ कम है, वहां कॉम्पीटिशन बढ़ सकता है।