
पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग।
India Steel Import Tariff: भारत सरकार ने चीन से बढ़ते सस्ते स्टील आयात पर रोक लगाने के उद्देश्य से मंगलवार को चुनिंदा स्टील उत्पादों पर तीन वर्षों के लिए 11–12 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है। यह शुल्क पहले साल 12 प्रतिशत रहेगा। दूसरे साल घटकर 11.5 प्रतिशत और फिर तीसरे साल 11 प्रतिशत हो जाएगा। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक देश भारत हाल के महीनों में चीन से कम कीमत वाले स्टील के आयात में अचानक आई तेज बढ़ोतरी के कारण घरेलू स्टील उद्योग पर बढ़ते दबाव और एंटी-डंपिंग से जुड़ी गंभीर चिंताओं का सामना कर रहा है।
सरकार की गजट में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार यह आयात शुल्क कुछ विकासशील देशों से आने वाले स्टील पर लागू नहीं होगा। मगर चीन, वियतनाम और नेपाल इससे प्रभावित होंगे। वैसे, स्टेनलेस स्टील जैसे विशेष स्टील उत्पादों को इस शुल्क के दायरे से बाहर रखा गया है।
इस्पात मंत्रालय ने कहा है कि वह घरेलू स्टील उद्योग को सस्ते और घटिया गुणवत्ता वाले आयात से होने वाले नुकसान से बचाना चाहता है। व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने जांच के बाद यह पाया कि आयात में अचानक और भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे घरेलू उद्योग को गंभीर चोट पहुंचने का खतरा है।
इससे पहले अप्रैल में भारत सरकार ने सभी देशों से होने वाले स्टील आयात पर 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी शुल्क लगाया था। इसकी अवधि नवंबर 2025 में समाप्त हो गई थी।
इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन ने इस मुद्दे को पहले उठाया था। अगस्त में संगठन ने व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) में याचिका दायर कर सस्ते स्टील आयात पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने की मांग की थी।
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भारत का यह कदम ऐसे समय में आया है, जब चीनी स्टील निर्यात को लेकर वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से स्टील आयात पर शुल्क लगाए जाने के बाद चीनी स्टील अन्य देशों के बाजारों में पहुंचा। इससे कई देशों ने अपने व्यापार सुरक्षा उपाय कड़े किए। दक्षिण कोरिया और वियतनाम भी इसी साल चीन से आने वाले स्टील पर एंटी डंपिंग शुल्क लगा चुके हैं।






