
मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने से कहर (फोटो- सोशल मीडिया)
Indore Dirty Water Supply Latest News: मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित भागीरथपुरा में दूषित पानी पीने से हड़कंप मच गया है। देश के सबसे स्वच्छ शहर में ‘जहरीले पानी’ ने 8 लोगों की जान ले ली है, जबकि 100 से ज्यादा लोग अभी भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। हालात इतने बेकाबू हो गए कि कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को तुरंत मोर्चा संभालने के लिए मैदान में उतरना पड़ा। प्रशासन ने पूरे इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और हर घर में डर का माहौल है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि पुलिस चौकी के पास बने एक शौचालय के नीचे ड्रेनेज लाइन लीक होने से गंदा पानी पीने की पाइपलाइन में मिल गया। इसी लापरवाही ने हंसते-खेलते परिवारों को उजाड़ दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी मरीज से इलाज का एक रुपया भी नहीं लिया जाएगा, सारा खर्च शासन उठाएगा।
इलाके में बीमारी का प्रकोप इतना भयानक है कि अस्पतालों में मरीजों की कतार लग गई है। अरबिंदो, वर्मा और ईएसआईसी जैसे अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। हालात को देखते हुए 100 बिस्तरों का अतिरिक्त इंतजाम किया गया है। स्थानीय मेडिकल स्टोर संचालक का कहना है कि सालभर की दवाइयां सिर्फ चार दिन में बिक गईं, जो स्थिति की गंभीरता को बयां करता है। प्रशासन ने 2700 से अधिक घरों का सर्वे किया है और मौके पर ही क्लोरीन व ओआरएस के पैकेट बांटे जा रहे हैं ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। गंभीर मरीजों को तुरंत आईसीयू में शिफ्ट किया जा रहा है।
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महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पुष्टि की है कि पानी की लाइन में सीवेज मिलने से यह हादसा हुआ। लापरवाही बरतने वाले जोनल अधिकारी और इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक की सेवा समाप्त कर दी गई है। निगम की टीम ने उस शौचालय को ध्वस्त कर दिया है जहां से लीकेज हो रहा था और अब लाइनों की फ्लैशिंग की जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे बड़ी प्रशासनिक विफलता बताते हुए अधिकारियों पर एफआईआर की मांग की है। मंत्री विजयवर्गीय ने साफ कहा है कि फिलहाल प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पानी की शुद्धता जांचने के लिए 70 से ज्यादा सैंपल लिए गए हैं।






