
विद्या बालन (सोर्स: सोशल मीडिया)
Vidya Balan Career Turning Point: हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार विद्या बालन का सफर आसान नहीं रहा। टेलीविजन, फिल्मों और बंगाली सिनेमा में कई बार रिजेक्शन झेलने के बाद उन्हें 2005 में फिल्म ‘परिणीता’ से हिंदी सिनेमा में पहली बड़ी पहचान मिली। हालांकि, असली मायनों में उनके करियर की दिशा बदलने वाली फिल्म 2011 में रिलीज हुई ‘द डर्टी पिक्चर’ साबित हुई, जिसने न सिर्फ उनकी छवि बदली बल्कि उन्हें एक नई ऊंचाई पर भी पहुंचा दिया।
फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखते समय विद्या को कई तरह की कसौटियों से गुजरना पड़ा। कभी उनकी शारीरिक बनावट पर सवाल उठे, तो कभी रंग और लुक को लेकर उन्हें नकार दिया गया। इन तमाम चुनौतियों के बावजूद विद्या ने अपने अभिनय पर भरोसा बनाए रखा। ‘द डर्टी पिक्चर’ उनके करियर का वह मोड़ बनी, जिसने यह साबित कर दिया कि सशक्त अभिनय किसी भी रूढ़ सोच से कहीं ऊपर होता है।
‘द डर्टी पिक्चर’ एक महिला प्रधान फिल्म थी, जिसमें इमरान हाशमी और तुषार कपूर जैसे कलाकार मौजूद थे, लेकिन पूरी लाइमलाइट विद्या बालन ने अपने नाम कर ली। दिलचस्प बात यह है कि यह फिल्म पहले अभिनेत्री कंगना रनौत को ऑफर हुई थी। बोल्ड स्क्रिप्ट के चलते कंगना ने इसे करने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में फिल्म की जबरदस्त सफलता के बाद उन्होंने इस फैसले पर अफसोस भी जताया था।

इस फिल्म के लिए विद्या को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। अपने किरदार में पूरी तरह ढलने के लिए उन्होंने करीब 12 किलोग्राम वजन बढ़ाया। इतना ही नहीं, फिल्म की शूटिंग के दौरान विद्या ने 100 से ज्यादा अलग-अलग कॉस्ट्यूम पहने। शूटिंग से पहले ही उनके किरदार को ध्यान में रखते हुए करीब 100 कॉस्ट्यूम डिजाइन किए गए थे, जो फिल्म की कहानी और किरदार की पहचान का अहम हिस्सा बने।
18 से 20 करोड़ रुपये के बजट में बनी ‘द डर्टी पिक्चर’ ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन किया और सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म ने विद्या बालन को नेशनल अवॉर्ड दिलाया और इसके बाद उन्हें ‘कहानी’, ‘हमारी अधूरी कहानी’, ‘मिशन मंगल’ और ‘भूल भुलैया 3’ जैसी कई सफल फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। वाकई, ‘द डर्टी पिक्चर’ विद्या बालन के करियर की वह फिल्म रही, जिसने उनकी किस्मत और पहचान दोनों बदल दीं।






