प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: भारतीय बहुराष्ट्रीय स्नैक्स और मिठाई कंपनी हल्दीराम स्नैक्स फूड (Haldiram’s) ने सिंगापुर की मुख्य कंपनी ग्लोबल इनवेस्टमेंट फर्म टेमासेक के साथ एक करार किया है। इस करार के तहत कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों द्वारा रखी गई इक्विटी हिस्सेदारी को बेचा जाएगा। यह जानकारी पीडब्ल्यूसी (PwC) ने एक प्रेस रिलीज में दी। हालांकि प्रेस रिलीज में बेची गई सटीक हिस्सेदारी का जिक्र नहीं किया गया, लेकिन इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि हल्दीराम ने लगभग 10 प्रतिशत से थोड़ी कम हिस्सेदारी बेचने का करार किया है, जिससे कंपनी का मूल्यांकन 10 बिलियन डॉलर (10 अरब डॉलर) आंका गया है।
प्रेस रिलीज में कहा गया कि यह सौदा हल्दीराम को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी महत्वाकांक्षी विस्तार योजनाओं को जारी रखने की स्थिति में लाता है, जिससे यह तेजी से प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी मौजूदगी को मजबूत करेगा। सूत्रों के अनुसार, कंपनी इन फंड्स का इस्तेमाल विस्तार के लिए करेगी और प्रमोटर्स इस बिक्री से मिलने वाले पैसे में से कुछ भी अपने पास नहीं रखेंगे।
बता दें कि हल्दीराम 5-6 प्रतिशत और हिस्सेदारी बेचने के लिए भी एडवांस्ड-स्टेज की बातचीत कर रहा है जो लगभग 500 मिलियन डॉलर (50 करोड़ डॉलर) में होगी। पीडब्ल्यूसी की इनवेस्टमेंट बैंकिंग टीम ने इस सौदे में हल्दीराम के लिए विशेष वित्तीय सलाहकार के रूप में काम किया, जबकि खेतान एंड कंपनी ने कानूनी सलाहकार की भूमिका निभाई। यह सौदा जरूरी नियामक मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।
हल्दीराम समूह की ओर से एक प्रवक्ता ने प्रेस रिलीज में कहा कि हम टेमासेक को हल्दीराम में निवेशक और साझेदार के रूप में स्वागत करते हुए बहुत खुश हैं। हम उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं ताकि उनके कंज्यूमर स्पेस के अनुभव से मिलने वाले मूल्य का उपयोग कर हमारी बढ़ोतरी को तेज कर सकें और बदलती उपभोक्ता मांगों को पूरा करने की हमारी क्षमता को मजबूत कर सकें। हम पीडब्ल्यूसी और खेतान एंड कंपनी को इस सौदे के दौरान उनके समर्पित समर्थन के लिए भी धन्यवाद देते हैं।
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पीडब्ल्यूसी इन इंडिया के चेयरपर्सन संजीव कृष्ण ने कहा कि पीडब्ल्यूसी में हमें इस बात पर गर्व है कि हम उद्यमियों की सफलता के साथी हैं, जो व्यवसायों को वैश्विक दिग्गजों में बदलने में मदद करते हैं। हल्दीराम के साथ हमारा दस साल का सहयोग इस बात का उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा कि इन सालों में हमने उन्हें रणनीतिक योजना और फैसले लेने के अलग-अलग पहलुओं पर सलाह दी है। यह सौदा न केवल भारत में निजी इक्विटी उपभोक्ता क्षेत्र का सबसे बड़ा सौदा है, बल्कि यह उन घरेलू व्यवसायों का भी प्रतिबिंब है जो वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को ऊंचा करना जारी रखे हुए हैं। हम हल्दीराम परिवार को हम पर भरोसा करने और यह अवसर देने के लिए धन्यवाद देते हैं।