प्रतीकात्मक तस्वीर
Gold Return in Six Months: घरेलू शेयर बाजार में लगातार जारी उतार-चढ़ाव के बीच सोना एक सुरक्षित निवेश एसेट के रूप में अपनी मजबूत बनाया हुआ है। साल 2025 के पहली छमाही में गोल्ड ने निवेशकों को करीब 23 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, सोना इस साल की पहली छमाही में करीब 27 प्रतिशत की उछाल के साथ 76,772 रुपये से चढ़कर जून 2025 के अंत में 96,075 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
अगर चालू वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल 2025 से बात करें तो सोने ने निवेशकों को लगभग 33 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले साल के बेहतर रिटर्न के साथ यह सभी एसेट की कैटेगरी में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निवेश उत्पादों में से एक बन गया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, विभिन्न देशों खासकर उभरती इकोनॉमी में केंद्रीय बैंको की सोने की आक्रामक खरीद, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने, अमेरिकी डॉलर सूचकांक के कमजोर रुख के चलते इस साल महंगे धातु के भाव में तेजी आई है। जानकारों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार के साथ निवेशकों को मौजूदा स्तर पर सोने में नए निवेश से बचने की जरूरत है। उनका कहना है कि सोने में मौजूदा तेजी लंबी खिंचती नजर आ रही है। ऐसे में कीमतें फिर से बढ़ने से पहले कुछ समय के लिए थम सकती हैं और इसमें कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतें जनवरी 2025 में करीब 76,772 रुपये प्रति 10 ग्राम रिकॉर्ड की गई थीं, जो जून के अंत तक बढ़कर 96,075 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गईं। आंकड़े देखने के बाद यह साफ हो जाता है कि गोल्ड न केवल शेयर मार्केट बल्कि कई अन्य निवेश विकल्पों को भी पीछे छोड़ दिया है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के कई हिस्सों के आर्थिक हालात में अब सुधार हो रहा है। वहीं, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और भू-राजनीतिक तनाव की कमी से अब सोने में तेजी का वही पुराना दम नहीं रह गया है। मेहता इक्विटीज के राहुल कलंत्री का कहना है कि सोने की मौजूदा तेजी अब कुछ समय के लिए थम सकती है। निवेशक अभी नए निवेश से बचें और यदि अल्पकालिक रिटर्न चाहिए तो चांदी की ओर रुख कर सकते हैं।