डीएफएस एम नागराजू (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विस के सेक्रेटरी ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी यानी फिनटेक कंपनियों को एक जरूरी सलाह दी है। उन्होंने फिनटेक कंपनियों को कहा है कि वे वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए ऑफलाइन पेमेंट सोल्यूशन पर ध्यान दें।
इसके अलावा, उन्होंने फिनटेक कंपनियों से भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए लोगों के लिए चीजें सुगम बनाने को लेकर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का आग्रह किया। नागराजू ने भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई के वित्तीय समावेश और फिनटेक यानी वित्तीय प्रौद्योगिकी पर आयोजित सम्मेलन में कहा है कि मैं फिनटेक कंपनियों से ऑफलाइन भुगतान के लिए पेमेंट सोल्यूशन पर ध्यान देने का अनुरोध करूंगा।
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए वित्तीय समावेश को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख जरिये के रूप में पहचाना जा रहा है। नागराजू ने कहा कि वित्तीय समावेश और उपभोक्ता संरक्षण को आगे बढ़ाने में फिनटेक की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा है कि फिनटेक को वास्तव में कम से कम उपभोक्ता संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके परिवेश का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के साथ गलत व्यवहार न किया जाए और उनकी शिकायतों का उचित तरीके से समाधान किया जाए और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
सचिव ने कहा कि 17 संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों यानी यूएन एसडीजी में से 7 सीधे वित्तीय समावेश से जुड़े हैं। इससे बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम सेवा वाली आबादी के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार के महत्व का पता चलता है। उन्होंने भारत में हुई प्रगति को बताने के लिए ग्लोबल फाइंडेक्स डेटाबेस के अनुमान का हवाला देते हुए साल 2014 से पहले के आंकड़ों का जिक्र किया। उस समय भारत में सिर्फ 35 प्रतिशत लोगों के पास बैंक खाते थे।
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नागराजू ने कहा कि वित्तीय पहुंच में सुधार के लिए 2014 में प्रधानमंत्री जन-धन योजना यानी पीएमजेडीवाई शुरू की गई थी। अब भारत में 99 प्रतिशत लोगों के पास बैंक खाते हैं। इस योजना ने लाखों भारतीयों को बैंक खाते खोलने और फाइनेंशियल सिस्टम से जोड़ने में सक्षम बनाया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)