EPFO (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने संगठित सेक्टर के 6 करोड़ कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम चलाने वाली एम्पलॉयज प्राविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन में बदलाव करने की तैयारी करने की योजना बनायी है। ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स के लिए कई नए फायदों के बारे में ऐलान किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने ईपीएफओ 3.0 के ऐलान की योजना बनायी है। इस नई योजना में कर्मचारियों के लिए पीएफ में बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत योगदान देने की सीमा को खत्म कर सकती है। कर्मचारी अपने सेविंग करने की कैपेसिटी के अनुसार, जितना चाहें पीएफ में योगदान कर सकते हैं। साथ ही अकाउंट होल्डर्स को पीएफ में जमा राशि को एटीएम से निकालने की सुविधा भी दे सकती है।
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श्रम और रोजगार मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार गंभीरतापूर्वक ईपीएफओ 3.0 लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें ईपीएफ सब्सक्राइबर्स के लिए कई नई घोषणाओं का ऐलान कर सकती हैं। इस ऐलान में सबसे जरूरी है कि पीएफ में कर्मचारियों के योगदान की सीमा को बढ़ाया जाए। फिलहाल कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ में कंट्रीब्यूट करना होता है। केंद्र सरकार इस सीमा को खत्म करने की योजना बना रही है। कर्मचारी जिस समय और जितनी चाहें उतनी राशि अपने कैपेसिटी के अनुसार ईपीएफ अकाउंट में जमा करवा सकती है। इसका उद्देश्य सब्सक्राइबर्स को ज्यादा से ज्यादा सेविंग्स करने के लिए प्रोत्साहित करना है। पीएम में जमा की जाने वाली इस राशि को सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन देने के ऑप्शन के रुप में भी इस्तेमाल करने के लिए कंवर्ट कर सकती है। हालांकि इसमें एम्पलॉयर्स के द्वारा किए जाने वाले योगदान में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। श्रम मंत्रालय इस योजना को लेकर चर्चा कर रही है।
ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए केंद्र सरकार एक और बड़ा ऐलान कर सकती है। ईपीएफ सब्सक्राइबर्स को डेबिट कार्ड की ही तरह एक एटीएम कार्ड जारी किया जा सकता है, जिससे वे पीएफ में जमा राशि को आप आसानी से एटीएम के माध्यम से निकाल सकते हैं। जिसका मतलब है कि सरकार आब ऐसी योजना ला रही है जिसमें अब कर्मचारी पीएफ में जमा राशि को आसानी से एटीएम के जरिए निकाल सकते हैं। इसमें सब्सक्राइबर्स को पीएम में जमा राशि में से केवल 50 प्रतिशत राशि को निकालने का ऑप्शन दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ की इस नई पॉलिसी का ऐलान केंद्र सरकार नए साल 2025 में कर सकती है।