दिल्ली विधानसभा (सौ. गूगल )
नई दिल्ली : आज देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान हो गया है। इन चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल होते हुए नजर आ रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है।
क्या आप जानते हैं कि दिल्ली देश का वो राज्य है, जहां के विधायकों को सबसे ज्यादा विधायक फंड मिलता है। आम आदमी पार्टी यानी आप ने अक्टूबर के महीने में दिल्ली के दिल्ली विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ करने का फैसला लिया था। आपको बता दें कि ये भारत में किसी क्षेत्र के विधायकों को सबसे ज्यादा मिलने वाला विधायक फंड है। आइए आपको बताते हैं कि देश के बाकी हिस्सों में विधायकों को कितना फंड मिलता है?
देश के सभी हिस्सों में उस क्षेत्र की जनता विकास के लिए विधायक को चुनती है। विधायक का पद संभालने के बाद राज्य सरकार विधायक को उस क्षेत्र का विकास करने के लिए अलग-अलग फंड देती है। जिसमें सबसे ज्यादा जरूरी विधायक निधि होता है, जो सरकार की ओर से सभी विधायकों को एक समान रुप से दिया जाता है।
किसी भी विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सरकार बनने के बाद विधानसभा में बजट पास होता है। जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री अपने विधायकों को विधायक फंड देने की घोषणा करते हैं। देश के सभी राज्यों में रेवेन्यू फंड और विकास के कामों को देखते हुए मुख्यमंत्री सभी विधायकों के लिए विधायक फंड तय करते हैं। देश के ज्यादातर राज्यों में विधायक फंड हर विधायक के लिए 2 करोड़ से ज्यादा होता है। जिसका उपयोग वो अलग-अलग विकास कामों के लिए कर सकते हैं।
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देश की बात की जाए तो पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात सरकार अपने विधायकों को सिर्फ 1.5 करोड़ रुपये विधायक फंड के तौर पर देती है, जबकि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की सरकार 2-2 करोड़ रुपये देती है। साथ ही उड़ीसा, तामिलनाडु और मध्य प्रदेश अपने विधायकों को सिर्फ 3 करोड़ रुपये विधायक फंड में खर्च करने के लिए देती है। महाराष्ट्र, केरल,उत्तराखंड,तेलंगाना, राजस्थान की सरकार अपने विधायकों को 5 करोड़ रुपये विधायक फंड के रुप में देती है। ये राशि मौजूदा राज्यों से करीब 3 गुना ज्यादा है।