गौतम अडानी सोर्स - सोशल मीडिया
UttarPradesh: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने हाल ही में कानपुर स्थित अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस यूनिट का दौरा किया। वहां उन्होंने रक्षा निर्माण में हो रहे नवाचार और नई तकनीकों का अवलोकन किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर उन्होंने इस दौरे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया साझा की और कहा कि हमारी टीम आत्मनिर्भर भारत के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य सीमाओं को लगातार आगे बढ़ाते हुए भारत को और मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है।
भारत ने खुद को दुनिया के शीर्ष 5 रक्षा और एयरोस्पेस देशों में शामिल करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। इसके लिए देश अपने सैन्य आयातों पर निर्भरता घटाकर घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है। यह पहल “मेक इन इंडिया” मिशन के तहत चल रही है, जिसका उद्देश्य देश में ही अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकों का विकास करना है।
भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण, डिजाइन और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत सुधार और योजनाएं शुरू की हैं। इन प्रयासों से भारत को विश्व स्तरीय रक्षा और एयरोस्पेस निर्माण केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस जैसी निजी कंपनियां भी इस मिशन में भूमिका निभा रही हैं।
हाल के वर्षों में भारत के रक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये (लगभग $2.63 बिलियन) तक पहुंच गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 15,920 करोड़ रुपये की तुलना में 32.5% अधिक है। इसके अलावा, देश में रक्षा उत्पादन का कुल मूल्य भी 17% की वृद्धि के साथ 1,26,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
पिछले 10 वर्षों में भारत के रक्षा निर्यात में 31 गुना वृद्धि हुई है, जो सरकार की नीतियों और निजी क्षेत्र के योगदान की सफलता को दर्शाता है। इसके अलावा, कई वैश्विक रक्षा कंपनियों ने भारत के साथ अपने तकनीकी अनुभव साझा किए हैं या कहें कि रक्षा उपकरणों के निर्माण में सहयोग करने की इच्छा जताई है।
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अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस भारत में रक्षा निर्माण का एक अहम हिस्सा बन चुका है। कंपनी नई तकनीकों और रणनीतिक साझेदारियों में निवेश कर रही है, जिससे भारत को दुनिया के रक्षा और एयरोस्पेस निर्माण के एक स्थान पर पहुंचाया जा सके। भारत में नए रक्षा हब विकसित किए जा रहे हैं और रक्षा इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगातार निवेश किया जा रहा है। सरकार के प्रयासों से रक्षा उत्पादन का आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण हो रहा है, जिससे नई साझेदारियों, नौकरियों और तकनीकी इनोवेशन के नए अवसर बन रहे हैं।