पूर्व सांसद अनिल सहनी ने राजद छोड़ भाजपा में शामिल, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू एवं तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को बड़ा झटका लगा है। कुढ़नी विधानसभा सीट से विधायक रहे पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल सहनी ने बुधवार को आरजेडी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि लालू एवं तेजस्वी यादव के स्टार प्रचारक रहे पूर्व राज्यसभा सांसद और विधायक अनिल सहनी ने पार्टी छोड़ दी है। मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट से विधायक रहे अनिल सहनी ने बुधवार को आरजेडी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ग्रहण कर ली।
अनिल सहनी ने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को अपना इस्तीफा भेज दिया। इसके कुछ देर बाद ही उन्होंने पटना में भाजपा की सदस्यता ले ली। यह मिलन समारोह भाजपा के पटना स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित किया गया था। इस दौरान अनिल सहनी के साथ पूर्व विधायक आशा देवी भी भाजपा में शामिल हुईं। पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी सह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत अन्य वरिष्ठ नेता भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
इस्तीफा देने के बाद, रिपोर्ट्स के अनुसार, अनिल सहनी ने आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व पर अति पिछड़ा समाज का अपमान करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि अनिल सहनी अपने बेटे को कुढ़नी सीट से टिकट दिलवाना चाहते थे। हालांकि, लालू-तेजस्वी ने इस बार बबलू कुशवाहा को कुढ़नी से उम्मीदवार बनाया है। जबकि, राजद के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में अनिल सहनी का नाम भी शामिल था।
पूर्व राज्यसभा सांसद एवं कुढ़नी से राजद के पूर्व विधायक अनिल कुमार साहनी का इस्तीफा।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल के दफ्तर में जाकर इस्तीफा सौंपा।
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अनिल सहनी राजद में शामिल होने से पहले नीतीश कुमार की जेडीयू में भी रहे थे। जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। अनिल कुमार सहनी ने आरजेडी के टिकट पर कुढ़नी विधानसभा सीट पर भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को करीबी मुकाबले में हराकर जीत दर्ज की थी। हालांकि, दिल्ली की अदालत से एलटीसी घोटाले (LTC scam) में दो साल की सजा होने के बाद सहनी की विधायकी चली गई थी।
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कोर्ट ने सहनी के चुनाव लड़ने पर 3 साल के लिए रोक भी लगाई थी। इसके बाद खाली हुई कुढ़नी सीट पर 2022 में उपचुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा के केदार प्रसाद जीते थे। राज्यसभा सांसद रहते हुए ही उन पर हवाई टिकट की अवैध बिक्री का आरोप लगा था, जिस पर सीबीआई ने एलटीसी घोटाले का केस चलाया था।