कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (फोटो- सोशल मीडिया)
Pawan Khera Remark on Vote Chori: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बिहार की राजधानी पटना में बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पिछले 10 सालों से सत्ता में बने रहने के लिए वोट चोरी कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि जिन चुनावों में विपक्ष की जीत की संभावना होती है, वहां एनडीए धांधली कर परिणाम अपने पक्ष में कर लेता है। यह बयान राहुल गांधी की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के समापन के अवसर पर आया, जहां पटना में विपक्षी दलों के तमाम नेता भी मौजूद है।
खेड़ा ने कहा कि यह लड़ाई केवल बिहार की नहीं बल्कि देश के हर मतदाता के अधिकारों की है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए कि आयोग ने कांग्रेस द्वारा दर्ज की गई 89 लाख शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया और बहाने बनाए। उन्होंने कहा कि आयोग बीएलए के जरिए उठाई गई आपत्तियों को भी मान्य नहीं कर रहा है। खेड़ा के मुताबिक, यह सब वोट चुराने के सुनियोजित तरीके हैं ताकि विपक्ष को जीत से दूर रखा जा सके।
17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई राहुल गांधी की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ बिहार के 25 जिलों और 1,300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करने के बाद पटना में संपन्न हुई। यह यात्रा गांधी मैदान से शुरू होकर बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर समाप्त हुई। इस मौके पर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, एमके स्टालिन, सिद्धारमैया, सुखविंदर सिंह सुक्खू और रेवंत रेड्डी सहित कई बड़े विपक्षी नेता शामिल हुए। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मतदाता अधिकारों की रक्षा करना बताया गया।
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग को 2,40,891 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुईं। इनमें से 38,342 का निपटारा सात दिन के भीतर किया गया। आंकड़ों के मुताबिक, 2,07,565 दावे बाहर करने के लिए और 33,326 दावे शामिल करने के लिए दाखिल किए गए। भाकपा (माले) लिबरेशन की ओर से 118 दावे दायर हुए जिनमें 103 नाम हटाने और 15 जोड़ने की मांग की गई। आयोग का कहना है कि किसी नाम को मसौदा सूची से तभी हटाया जाएगा जब पूरी जांच और उचित अवसर दिया जाएगा।
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बिहार में शुरू हुई इस राजनीतिक लड़ाई का असर पूरे देश में दिखने लगा है। पवन खेड़ा और कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग निष्पक्षता नहीं दिखा रहा और मतदाता अधिकारों की अनदेखी की जा रही है। वहीं, आयोग का कहना है कि सभी दावों और आपत्तियों की जांच नियमों के तहत की जाएगी।