
नीतीश कुमार (डिजाइन फोटो)
Bihar Assembly Elections: बिहार में 14 नवंबर को विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले सामने आए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एनडीए की वापसी का अनुमान जताया गया है। सर्वे एजेंसियों ने बताया है कि एनडीए को 150 से 170 सीटें हासिल हो सकती हैं। वहीं, महागठबंधन को 100 से कम सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है।
करीब-करीब एक दर्जन से अधिक सर्वे कंपनियों ने बिहार में एक बार फिर बंपर बहुमत के साथ नीतीश कुमार की वापसी की भविष्यवाणी की है। इसके बावजूद दो आंकड़े ऐसे हैं, जो एनडीए के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। वहीं, दो एग्जिट पोल ऐसे भी हैं जिनमें महागठबंधन की जीत का दावा किया गया है, साथ ही दो में करीबी टक्कर दिखाई गई है।
नीतीश कुमार का नींद उड़ाने वाला पहला कारण बिहार में इस बार बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत है। इस बार बिहार में कुल मिलाकर 66.91 फीसदी मतदान हुआ है। पिछले चुनाव यानी 2020 से तुलना करें तो यह लगभग 9 प्रतिशत अधिक है। जो कि एनडीए के लिए टेंशन का पहला कारण है।
बिहार के चुनावी इतिहास में ऐसा कई बार देखने को मिला है कि जब वोटिंग परसेंटेज 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है तो वहां सत्ता बदल गई है। ऐसा ही हाल-ओ-हवाल 1990 में भी देखने को मिला। तब मतदान में 5.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ और कांग्रेस की सरकार चली गई। जनता दल फिर से सत्ता में लौटा।
इसके अलावा दूसरा एक और कारण यह है कि बिहार में पिछले तीन चुनावों में एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं। यही वजह कि अधिकतम सर्वे में बहुमत की भविष्यवाणी के बाद भी नीतीश कुमार की नींद उड़ी है। हालांकि एनडीए को बढ़े हुए मतदान से अपनी जीत की उम्मीद है। क्यों क्योंकि महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया है।
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इलेक्शन कमीशन के मुताबिक महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा वोट किया है। बिहार में कुल मतदान 66.9 फीसदी है। जिसमें 62.8 प्रतिशत पुरुषों ने ही वोट किया है। जबकि 71.6 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है। जिसको नीतीश कुमार का समर्थक वर्ग करार दिया जाता है। फिलहाल कल परिणामों का दिन है। जहां पूरी तस्वीर क्लियर होने वाली है।






