राहुल गांधी, जीतन राम मांझी (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Assembly Election: बिहार में चुनावी गुणा-गणित के बीच जीतनराम मांझी का राहुल गांधी के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर नजर आया है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी है कि बिहार में अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। इसके साथ ही राहुल गांधी के कांग्रेस के कार्यकाल में जातीय जनगणना नहीं कराए जाने को लेकर गलती मानने पर प्रतिक्रिया देते हुए मांझी ने कहा कि जो गलती मान ले, उसे माफी दी जानी चाहिए।
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि महागठबंधन में जितने भी दल हैं उनका रवैया अनुसूचित जाति के लोगों के प्रति ठीक नहीं है। ऐसे में उन लोगों के साथ कांग्रेस का रहना ठीक नहीं है। कांग्रेस पार्टी को भले ही एक भी सीट न मिले, लेकिन उन्हें अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हो सकता है अकेले चुनाव लड़ने में कांग्रेस को एक दो चुनाव में नुकसान झेलना पड़े, लेकिन आगे चलकर इसका फायदा मिलेगा। उन्हें बिहार की जनता आगे बढ़ाएगी।
इतना ही नहीं मांझी ने कहा कि महागठबंधन के अन्य दल जहां रहेंगे, दलित और अति पिछड़ों के खिलाफ जाएंगे। कांग्रेस अगर अच्छा करना चाहती है तो उसे इंडिया गठबंधन भी छोड़ देना चाहिए। जीतन राम मांझी की यह सियासी नसीहत कांग्रेस को तात्कालिक नुकसान पहुंचाने वाली भले है, लेकिन इसमें दूरदर्शिता नजर आती है। क्योंकि कई कांग्रेस नेताओं का भी यही मानना है। कुछ महीने पहले कांग्रेस के सूत्रों से पता चला था कि कांग्रेस यूपी और बिहार में उचित सम्मान न मिलने पर अकेले दम चुनाव उतरने का प्लान बना चुकी थी। हालांकि अब स्थिति इसके उलट है।
जीतन राम मांझी की सलाह कांग्रेस तक पहुंचेगी या नहीं ये अलग मुद्दा है, लेकिन कांग्रेस के प्रति ये सॉफ्ट कॉर्नर एनडीए को जरूर खटकेगा। क्योंकि एनडीए में शामिल चिराग पासवान ने तो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल ही दिया है। अब मांझी भी कांग्रेस के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर दिखा रहे हैं। हालांकि दोनों नेताओं के बयान प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन इन बयानों से सियासी उथल-पुथल तो जरूर मचेगी।
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वहीं सरकार द्वारा पत्रकार पेंशन की राशि बढ़ाए जाने को लेकर प्रसन्नता जताते हुए इसे मांझी ने इसे अच्छा कदम बताया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पहले ही यह निर्णय लिया था, उसे नीतीश कुमार ने पूरा कर दिया। यह बड़ी खुशी की बात है। बिहार में अपराध को लेकर सहयोगी दल के नेता चिराग पासवान द्वारा सवाल उठाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को मौजूदा एनडीए सरकार के ऊपर कोई टिप्पणी करने से पहले 2005 के पहले के दौर का अध्ययन कर लेना चाहिए। 2005 के पहले अपराधी अपराध करने के बाद सीएम हाउस में जाकर समझौता कर लिया करते थे।