ज्ञानेश कुमार (फोटो- नवभारत डिजाइन)
Bihar Election Date: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा का इंतजार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावों का ऐलान कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 30 सिंतबर को स्पेशल वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद चुनाव आयोग फाइनल वोटर लिस्ट जारी करेगा। यह वोटर लिस्ट अंतिम होगी। इसके बाद चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की घोषणा करेगा। सूत्रों का कहना है कि दीपावली और छठ के बाद वोटिंग की तारीखें रखीं जाएंगी।
सूत्रों का कहना है कि बिहार विधानसभा के चुनाव इस बार सिर्फ 2 चरण में करवाए जा सकते हैं। हालांकि 3 चरणों में चुनाव की संभावना से भी इंकार नहीं किया गया है। क्योंकि पिछली बार 3 चरण में चुनाव हुए थे। तीनों चरण की वोटिंग 5 से 15 नवंबर के बीच रखी जा सकती है। 20 नवंबर को चुनाव परिणाम की घोषणा हो सकती है।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। 2020 में अक्टूबर-नवंबर महीने में चुनाव हुआ था। ऐसे में संविधान के अनुसार 22 नवंबर को विधानसभा भंग हो जाएगी। नियमों के मुताबिक 22 नवंबर से पहले नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए, नहीं तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ेगा। आमतौर पर सरकारें राष्ट्रपति शासन से बचती हैं। इसलिए विधानसभा के भंग होने से पहले नई सरकार का गठन हो जाता है। यदि किसी प्रकार की राजनीतिक अड़चन नहीं है तो।
वहीं पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो तीन चरणों में वोटिंग हुई थी। अंतिम चरण का मतदान 7 नवंबर 2020 को हुआई था और चुनाव परिणाम 10 नवंबर को आए थे। अब इसी पैटर्न को एक बार फिर दोहराया जा सकता है। आम तौर पर चुनाव आयोग छुट्टियों और त्योहारों को ध्यान में रखकर चुनाव की घोषणाएं करता है। इसलिए दुर्गापूजा, दशहरा के बाद चुनाव की घोषणा होगी। जबकि मतदान तिथि छठ पूजा के बाद की रखी जाएगी।
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बता दें कि राजनीतिक गलियारों की हलचल से चुनावों के ऐलान के संकेत मिल रहे हैं। पटना से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। बिहार में मुख्य रूप से दो राजनीतिक फ्रंट हैं। NDA और ‘INDIA’ गठबंधन दोनों खेमों में राजनीतिक गुणा गणित के साथ सीट शेयरिंग पर भी चर्चा हो रही है। भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की बैठकों से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव की तारीखों का ऐलान इस महीने के बाद कभी भी हो सकता है। आम तौर पर सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत तभी होती है, जब चुनाव मुहाने पर हो।