तेजस्वी यादव (Image- Social Media)
Bihar Politics: बिहार में इन दिनों SIR को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बिहार में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाला है। इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारी में लगी हुई हैं। इसके साथ ही चुनाव आयोग भी इलेक्शन की तैयारी में लग गया है। चुनाव आयोग ने पिछले महीने बिहार में मतदाता सूची को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया था। जिसका ड्राफ्ट भी अब आ गया है। वहीं इस ड्राफ्ट में बिहार के करीब 65 लाख लोगों का नाम नहीं है, जो पिछली वोटर लिस्ट में था।
इसी कड़ी में आज सुबह बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका और उनकी पत्नी का नाम भी वोटर लिस्ट से कट गया है। इसको लेकर अब चुनाव आयोग ने बयान जारी किया है। साथ ही बताया है कि वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट में राजद नेता तेजस्वी यादव का नाम 4 16वें नंबर पर है।
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि “हमारे संज्ञान में आया है कि तेजस्वी यादव ने एक शरारतपूर्ण दावा किया है कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर दर्ज है। इसलिए, यह दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है, झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत है”।
It has come to our attention that Tejashwi Yadav has made a mischievous claim that his name does not appear in the draft electoral roll. His name is listed at Serial Number 416 in the Draft Electoral Roll. Therefore, any claim stating that his name is not included in the draft… https://t.co/N3QQFX88by
— ANI (@ANI) August 2, 2025
तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इसका संज्ञान ले। हमारी मांग है कि चुनाव आयोग से पूरी जानकारी मांगी जाए। यह तानाशाही है, लोकतंत्र नहीं है। हम चुनौती देते हैं ज्ञानेश गुप्ता जी आपने अगर ट्रांसपेरेंसी रखी है तो हमारे सवालों का जवाब दीजिए। तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा बढ़ाई जाए जबकि इसके लिए सिर्फ सात दिनों का समय दिया गया है।
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बिहार में SIR का पहला चरण पूरा हो चुका है। चुनाव आयोग ने बताया है कि 24 जून से 25 जुलाई तक चले इस अभियान में बिहार के 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से अधिक वोटर्स ने अपने आवेदन सौंप दिए हैं। इसमें 91.69 प्रतिशत वोटर शामिल रहे। चुनाव आयोग ने इसे ‘एक व्यापक और सफल नागरिक भागीदारी प्रयास’ बताया है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसके इस कदम से विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की वैधता और अधिक प्रामाणिक हो गई है।