प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
पटना: बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अंतिम चरण में चल रहा है। एसआईआर परीक्षण में 18 लाख मृतक मिले हैं। इसके साथ ही ये भी तथ्य उजागर हुए कि 16 लाख वोटर दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में जा चुके हैं और 7 लाख मतदाताओं का दो स्थानों पर नाम है। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार बिहार में चल रहे एसआईआर में यह सुनिश्चित करने की कोशिश तेज कर दी गई है कि सभी पात्र मतदाताओं को 1 अगस्त को जारी होने वाले ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया जाए।
बिहार में अब तक लगभग सात करोड़ नब्बे लाख मतदाताओं में से सात करोड़ सोलह लाख यानी 90.67 प्रतिशत गणना फार्म प्राप्त किए जा चुके हैं। डिजिटल गणना प्रपत्रों की संख्या तकरीबन 7.12 करोड़ यानी 90.37 प्रतिशत है।
चुनाव आयोग के अनुसार अब तक बावन लाख तीस हजार यानी 6.62 प्रतिशत निर्वाचक अपने पते पर अनुपस्थित पाए गए तो वहीं लगभग अठारह लाख पैंसठ हजार यानी 2.36 प्रतिशत मृत वोटर पाए गए। अब तक स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की संख्या छब्बीस लाख यानी 3.29 प्रतिशत है। इसके साथ ही एक से अधिक स्थानों पर नामांकित मतदाता लगभग साढ़े सात लाख हैं। जिन निर्वाचकों का पता नहीं चल पा रहा है उनकी संख्या ग्यारह हजार के आस पास है। अभी तक कुल सम्मिलित निर्वाचक 97.30 प्रतिशत हैं और 2.70 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त होने शेष हैं।
बिहार में चुनाव आयोग ने अपडेट शेयर करते हुए ये आंकड़े जारी किए। कुल मिलाकर मृतक लिस्ट, दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में जा चुके लोग और दो स्थानों पर दर्ज नाम का ये आंकड़ा बयालीस लाख के लगभग बताया जा रहा है। अब राज्य में सभी 12 मुख्य राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों की ओर से नियुक्त किए गए तकरीबन 1 लाख बीएलओ, 4 लाख वालंटियर्स और डेढ़ लाख बीएलए समेत पूरी चुनाव मशीनरी उन मतदाताओं को ढूंढने के लिए मिलकर काम कर रही है जिन्होंने अभी तक अपने गणना फॉर्म (ईएफ) जमा नहीं किए हैं या जो अपने पते पर नहीं पाए गए हैं।
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चुनाव आयोग के अधिकारियों और बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। अधिकारियों ने 21.36 लाख मतदाताओं की लिस्ट शेयर की है जिनके फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं और लगभग 52 लाख ऐसे मतदाताओं की भी लिस्ट शेयर की है जिनकी कथित तौर पर मृत्यु हो चुकी है या जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या जो एक से अधिक स्थानों पर नामांकित हैं। आयोग की तरफ से बताया गया कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक आम जनता में से कोई भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कोई भी नाम जोड़ने, हटाने या सुधार करने के लिए आपत्ति दर्ज करवा सकता है।
आईएएनएस इनपुट के साथ