हाईकोर्ट ने लगाई चुनाव आयोग को फटकार (सौजन्यः सोेशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव संपन्न हुए 6 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन चुनाव परिणामों को लेकर विवाद अभी भी खत्म नहीं हुआ है। कई पराजित उम्मीदवारों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इनमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ भी एक चुनाव याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। अब इसी विवाद के तहत कुछ और रिट याचिकाएं मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दाखिल की गई हैं।
याचिकाओं में चुनाव प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं और सीसीटीवी फुटेज व 17(सी) फॉर्म की प्रतियां न मिलने की शिकायत की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मंगलवार को मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।
महाविकास आघाड़ी के चार पराजित उम्मीदवार — प्रफुल्ल गुडधे, गिरीश पांडव, जयश्री शेलके और महेश गणगणे — ने यह रिट याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि चुनाव से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज, मतदान केंद्रों में उपयोग की गई ईवीएम, कंट्रोल यूनिट, वीवीपैट प्रिंटर के संचालन से संबंधित वीडियो फुटेज, और 17(सी) फॉर्म की प्रतियां उन्हें प्रदान की जाएं।
चुनाव में कई नियमों की अनदेखी की गई।
कई जगहों पर समय से पहले ईवीएम बदली गई।
बोगस वोटिंग की घटनाएं हुईं।
परिणामस्वरूप उन्हें जबरन हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास मजबूत जनसमर्थन था और वे जीतने को लेकर आश्वस्त थे। ऐसे में हार उनकी समझ से परे है।
याचिका में यह भी बताया गया है कि चुनाव के बाद उन्होंने चुनाव अधिकारियों को आवेदन देकर चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों और फुटेज की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। इससे मजबूर होकर उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। न्यायालय ने यह मानते हुए कि यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़ा गंभीर मामला है, केंद्रीय चुनाव आयोग को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में स्पष्ट जवाब देने को कहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अकाश मून ने पक्ष रखा।