बृजभूषण शरण सिंह (फोटो-सोशल मीडिया)
लखनऊः उत्तर प्रदेश में बृजभूषण शरण सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की वर्षों बाद मुलाकात काफी चर्चा में है। 5 केडी मुख्यमंत्री आवास से निकलते समय बृजभूषण से पूछा गया कि सीएम योगी से मुलाकात में क्या बात हुई तो उन्होंने इसे शिष्ठाचार भेंट बताकर सवालों से किनारा कर लिया। अब मंगलवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी से मुलाकात को लेकर स्वयं खुलासा किया, लेकिन मुलाकात को पर बात करते हुए बृजभूषण कुछ ऐसा बोल गए, जो काफी हस्यास्पद है।
दरअसल बृजभूषण और योगी आदित्यानाथ का संबंध काफी पुराना है। इसका जिक्र पूर्व भाजपा सांसद स्वयं करते रहते हैं। बृजभूषण योगी आदित्यानाथ को अपना गुरुभाई बताते हैं। दोनों लोग महंत अवैद्यनाथ को अपना गुरू मानते हैं।
बड़बोलेपन का शिकार हुए बृजभूषण
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ये ठीक बात है कि 31 महीने बाद योगी जी से मेरी मुलाकात हुई है। मैंने तय किया था कि जब तक मुख्यमंत्री मुझे बुलाएंगे नहीं तब तक मैं मिलने नहीं जाऊंगा। अब उन्होंने मुझे बुलाया तो मैं मिलने चला गया। इसके बाद वह कहते हैं कि हमारा और योगी जी का संबंध 56 वर्षों से है। अब सवाल उठता है कि बृजभूषण शरण सिंह की खुद 68 साल के हैं तो क्या 12 वर्ष की उम्र में ही सीएम योगी से दोस्ती हो गई थी। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जो आधिकारिक उम्र है वो 53 वर्ष है। अब सवाल उठता है कि जब सीएम योगी 53 साल के हैं तो उनका बृजभूषण से 56 साल पुराना संबंध कैसे हो सकता है।
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बाहुबली बृजभूषण सियासी तौर पर कितने ताकतवर
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की पैठ न केवल भाजपा में है, बल्कि समाजवादी पार्टी से भी उनके संबंध काफी अच्छे हैं। वे अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों से 5 बार सांसद रह चुके हैं। जिसमें से 2 बार कैसरगंज, एक बार बलरामपुर और 2 बार गोंडा से सांसद रहे हैं। इसके अलावा इनकी पत्नी भी एक बार सांसद रही हैं। वर्तमान में इनका एक बेटा कैसरगंज से सांसद है और दूसरा बेटा विधायक है।
बृजभूषण शरण सिंह की प्रदेश के राजपूत वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है, लेकिन इनका विशेष प्रभाव अवध के देवीपाटन मंडल पर है। इस मंडल में चार जिले आते हैं, जिसमें बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा और बहराइच है। देवीपाटन मंडल में इनका सभी जातियों पर सियासी प्रभाव है।