अमित शाह ने रखी मां सीता मंदिर की आधारशिला (फोटो- सोशल मीडिया)
Punaura Dham is the birthplace of Mother Sita: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिहार के सीतामढ़ी में पूरे विधि-विधान से माता सीता मंदिर की आधारशिला रखी। 882 करोड़ की लागत से बनवाया जा रहे इस अद्भुत मंदिर का नाम जानकी मंदिर है। भूमिपूजन के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद रहे।
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है। भाजपा और नीतीश इसे मां सीता की जन्मस्थली का पुर्नउद्धार के तौर बिहार की जनता सामने पेश कर रहे हैं। बिहार के सीतामढ़ी को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है।
Bihar: Union Home Minister Amit Shah lays the foundation stone of Maa Janaki Temple at Punaura Dham in Sitamarhi pic.twitter.com/gph3ACBAPv
— IANS (@ians_india) August 8, 2025
गृह मंत्री अमित शाह ने आज पुनौरा धाम में एक भव्य धार्मिक अनुष्ठान मां जानकी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इस मौके पर पुनौरा धाम को आकर्षक रूप से सजाया गया था और बड़ी संख्या में श्रद्धालु अनुष्ठान में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे। पुनौरा धाम, जिसे माता सीता की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है, पहले से ही एक मंदिर का स्थल है। अब यहां 67 एकड़ भूमि में माता सीता के एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए 11 महीने की समय-सीमा तय की गई है।
मंदिर के शिलान्यास के अवसर पर मिथिला की महिलाओं ने अपनी आस्था और उल्लास को लोकगीतों में पिरोया। उन्होंने मैथिली गीत गाकर मां सीता के जन्म और उनसे जुड़ी लोककथाओं को सजीव किया, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और सांस्कृतिक गौरव की भावना व्याप्त हो गई।
बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने इस अवसर पर कहा, “यह माता सीता के प्रति हमारी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इससे हर बिहारी को गर्व की अनुभूति होगी। यह दिन विकसित बिहार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में याद किया जाएगा, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंदिर पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे।”
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राज्य मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई को मंदिर परिसर के विकास के लिए 882.87 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। इस कुल राशि में से 137 करोड़ रुपये पुराने मंदिर और उसके परिसर के विकास कार्यों पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 728 करोड़ रुपये पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों पर व्यय किए जाएंगे। इसके अलावा अगले 10 सालों तक व्यापक रखरखाव के लिए 16 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इस परियोजना का क्रियान्वयन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) द्वारा किया जाएगा।