अनंत कुमार सिंह (सोर्स- सोशल मीडिया)
Anant Singh News: बाहुबली अनंत सिंह ने मंगलवार को मोकामा विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया। अनंत सिंह सफेद रंग की थार में सवार होकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे। इससे पहले उन्होंने 25,000 समर्थकों के लिए भोज का आयोजन किया। बताया जा रहा है कि समर्थकों के लिए एक लाख से ज़्यादा रसगुल्ले बनवाए गए थे।
नामांकन के बाद अनंत सिंह एक रोड शो करेंगे, जिसमें एक हज़ार से ज़्यादा गाड़ियों का काफ़िला शामिल होगा। अनंत सिंह ने अपने आवास पर पूजा-अर्चना की और फिर थार गाड़ी में सवार होकर नामांकन के लिए रवाना हुए। अब सवाल यह है कि 25,000 लोगों के इस भोज का खर्च चुनावी खर्च में शामिल होगा या नहीं? और अगर शामिल हुआ तो अनंत सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार एक सीमा होती है। बिहार चुनाव में यह लिमिट 40 लाख रुपये है। साथ ही चुनाव आयोग ने खाने पीने से लेकर गाड़ियों के किराए तक को निर्धारित कर रखा है। कार्यकर्ताओं व समर्थकों को एक प्लेट पुरी-जलेबी खिलाने पर नेताजी के खाते में 50 रुपये जुड़ जाएंगे।
नामांकन के दिन ही अनंत सिंह ने 25 हजार लोगों को भोज करवाया है। जब पूरी-जलेबी का खर्च 50 रुपये है तो भोज में एक प्लेट का खर्च 100 रुपये से ज्यादा ही आया होगा। इस लिहाज से देखें तो 25 लाख रुपये से ज्यादा हो गए। इसके साथ नामांकन में गए गाड़ियों के काफिले पर भी अच्छा-खासा खर्च आया होगा।
अब इस लिहाज से देखा जाए तो अनंत सिंह की लिमिट खत्म होने को है। जबकि अभी पूरा चुनाव प्रचार बाकी है। ऐसे में अनंत सिंह खर्च लिमिट से बाहर पहुंचना लाजमी है। यह बात चुनाव आयोग के संज्ञान में आती है तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कोई भी उम्मीदवार जो चुनाव व्यय सीमा से अधिक खर्च करता है या गलत बयान देता है, उसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10 के तहत विधान सभा से अयोग्य घोषित किया जा सकता है और तीन साल के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने चुनावी खर्च की सीमा तय करता है। अब कोई भी विधायक विधानसभा चुनाव में 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है। इस सीमा से ज़्यादा खर्च करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, इस 40 लाख रुपये में से सिर्फ 10,000 रुपये ही नकद खर्च किए जा सकते हैं। बाकी लेन-देन ऑनलाइन होंगे।
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने सभी उम्मीदवारों को चुनाव खर्च के लिए एक बैंक खाता खोलने का निर्देश दिया है। इस खाते का इस्तेमाल चुनाव से जुड़े सभी खर्चों के लिए किया जाएगा, जिससे चुनाव आयोग उन पर नजर रख सकेगा। इसके अलावा उम्मीदवारों को चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए एक रजिस्टर में अपने सभी खर्चों का ब्यौरा दर्ज करना होगा, जिसमें सभी रसीदें भी शामिल होनी चाहिए।
2020 के चुनाव में राजद के टिकट पर विधायक बने अनंत सिंह इस बार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़ रहे हैं। अनंत सिंह को उनके घर से एके-47 समेत हथियार और विस्फोटक बरामद होने के मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उन्हें अपनी विधायकी गंवानी पड़ी।
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सजा के बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजद के टिकट पर 2022 का मोकामा उपचुनाव जीता। 14 अगस्त 2024 को पटना उच्च न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया। अपनी रिहाई के बाद अनंत सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि वह जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
2005 से अनंत मोकामा से लगातार पांच चुनाव जीत चुके हैं। पहले तीन बार जदयू के टिकट पर, फिर निर्दलीय के रूप में, और 2020 में राजद के टिकट पर। अनंत ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर नीलम को मुंगेर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन जेडीयू के ललन सिंह ने उन्हें 1.75 लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था।