
चेनारी विधानसभा, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Chenari Assembly Constituency: बिहार के रोहतास जिले की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर स्थित चेनारी विधानसभा क्षेत्र राज्य की राजनीति में अपनी ऐतिहासिक और भौगोलिक विशिष्टता के कारण एक अलग पहचान रखती है। यह सीट सासाराम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा खंडों में से एक है। प्रशासनिक रूप से, यह क्षेत्र मुख्य रूप से चेनारी, रोहतास और नौहट्टा प्रखंडों के साथ शिवसागर प्रखंड की कुछ ग्राम पंचायतों को मिलाकर बना है, जिसका इलाका सासाराम और डेहरी अनुमंडलों में फैला हुआ है।
चेनारी का इतिहास शेरशाह सूरी की सत्ता और शौर्य से जुड़ा हुआ है। यहां से लगभग 13 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित प्रसिद्ध शेरगढ़ किला इस क्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान है। यह इलाका कभी मगध साम्राज्य से लेकर सूर शासन तक प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा था।
भौगोलिक रूप से, चेनारी का एक बड़ा भाग रोहतास पठार पर स्थित है, जो विंध्याचल पर्वतमाला के पूर्वी छोर का हिस्सा है। इस पहाड़ी संरचना के कारण यहां बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट लागू करना चुनौतीपूर्ण साबित होता है। हालांकि, दुर्गावती नदी इस क्षेत्र के पास बहती है, जबकि सोन नदी लगभग 30 किमी दूर है। ये दोनों नदियां क्षेत्र की कृषि और जलापूर्ति के लिए जीवनरेखा का काम करती हैं।
ऐतिहासिक महत्व के बावजूद, चेनारी एक ग्रामीण बहुल और अविकसित क्षेत्र है। यहां के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की कमी सबसे बड़ी समस्या है। कई सड़कें जर्जर हैं, जिससे गांवों के बीच संपर्क कमजोर है। साथ ही, शिक्षा और रोजगार के अवसर सीमित हैं, जिसके कारण युवा लगातार बेहतर भविष्य की तलाश में पलायन कर रहे हैं। पहाड़ी इलाके के कारण कृषि उत्पादन भी असमान है। ग्रामीण जनता लगातार स्थायी विकास और सरकारी योजनाओं की बेहतर पहुंच की मांग कर रही है, जो आगामी Bihar Assembly Election 2025 में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनेगा।
चेनारी एक अनुसूचित जातियों (SC) के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है, जहां जातीय समीकरण ही जीत-हार का फैसला करते हैं। इस क्षेत्र में पासवान और रविदास समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं। माना जाता है कि इन समुदायों का समर्थन जिस दल को मिलता है, उसकी जीत पक्की मानी जाती है। इसके अलावा, ओबीसी और अल्पसंख्यक मतदाता भी चुनावी संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे Bihar Politics में इस सीट पर मुकाबला रोचक बना रहता है।
1962 में अस्तित्व में आने के बाद, चेनारी की राजनीति समाजवादी विचारधारा से प्रभावित रही है। इस सीट पर अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों (2009 के उपचुनाव सहित) में कांग्रेस ने 6 बार जीत दर्ज की। वहीं, विभिन्न दलों ने 10 बार जीत हासिल की है, जिनमें जदयू (3 बार) और जनता दल (2 बार) प्रमुख हैं।
हालिया चुनावी घटनाक्रम इस सीट पर दल-बदल की पटकथा को दर्शाता है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुरारी प्रसाद गौतम ने जदयू के ललन पासवान को हराकर यह सीट जीती थी। हालांकि, बाद में राजनीतिक समीकरणों के बदलने के साथ ही, मुरारी प्रसाद गौतम ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया, जिससे यह सीट फिर से एक नए चुनावी मोड़ पर खड़ी हो गई है।
चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, चेनारी की कुल जनसंख्या 5,34,772 है। वहीं, कुल मतदाताओं की संख्या 3,15,790 है, जिनमें 1,64,324 पुरुष और 1,51,460 महिलाएं शामिल हैं।
यह भी पढ़ें:- मोतिहारी विधानसभा: गांधी के चंपारण सत्याग्रह की धरती पर चुनावी जंग, इन मुद्दों पर टिका सियासी भविष्य
आगामी Bihar Assembly Election 2025 में चेनारी सीट पर मुकाबला पूर्व विधायक मुरारी प्रसाद गौतम (अब भाजपा में) और महागठबंधन के नए उम्मीदवार के बीच होगा। यह चुनाव न केवल उम्मीदवारों के व्यक्तिगत प्रभाव को परखेगा, बल्कि पासवान-रविदास समुदाय के रुझान और स्थानीय विकास की मांगों पर भी निर्भर करेगा। चेनारी की जनता इस बार उस प्रतिनिधि को चुनना चाहेगी, जो शेरगढ़ की इस ऐतिहासिक भूमि को विकास के पथ पर आगे ले जा सके।






