
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrapur Illegal Moneylender Case: महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। चंद्रपुर जिले में साहूकारों के अमानवीय अत्याचार के चलते एक किसान को मात्र 1 लाख रुपये के कर्ज के बदले अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। साहूकारों ने धोखे से किसान को विदेश भेजकर उसका अंग निकलवाया, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है।
इसी कड़ी में चंद्रपुर के ब्रह्मपुरी में अवैध साहूकारी के एक मामले में गिरफ्तार आरोपियों में शामिल एक आरोपी के खिलाफ अब एक और गंभीर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस और प्रशासन की अपील के बाद तहसील के सोनेगांव निवासी पीड़ित राजकुमार दादाजी बावने (उम्र 32 वर्ष) ने सामने आकर अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर साहूकार लक्ष्मण पुंडलिक उरकुडे के खिलाफ नया अपराध दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीड़ित राजकुमार ने वर्ष 2022-23 में सिटीग्रुप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से मछली फार्म, बकरी फार्म, लोन प्रोसेसिंग और बैंक खरीद से जुड़े काम शुरू किए थे। कंपनी में गड़बड़ी के कारण निवेशकों का पैसा लौटाने का दबाव राजकुमार पर आ गया। इसी वजह से उसने फरवरी 2024 में ब्रह्मपुरी के साहूकार लक्ष्मण उरकुडे से 12 प्रतिशत ब्याज पर 4 लाख रुपये उधार लिए।
इसके बाद आरोपी साहूकार ने मूलधन और ब्याज की रकम लौटाने के लिए लगातार दबाव बनाना शुरू किया। मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर पीड़ित ने सुनार, मुथुट मनी फाइनेंस, रिश्तेदारों और घरेलू ऋण के जरिए कुल 31 लाख 42 हजार 600 रुपये जुटाकर आरोपी को दे दिए। इसके बावजूद साहूकार ने अब भी 40 लाख रुपये बकाया होने का दावा करते हुए पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
जान के डर से पीड़ित राजकुमार 7 दिसंबर को घर से फरार हो गया था, जिसकी गुमशुदगी की शिकायत भी परिजनों ने दर्ज कराई थी। कुछ दिनों बाद परिवार की चिंता के चलते वह स्वयं घर लौट आया। शिकायत में राजकुमार ने बताया कि आरोपी साहूकार उस पर डेढ़ लाख रुपये से अधिक का अवैध ब्याज थोपकर उसे आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था।
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पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आरोपी साहूकार के खिलाफ दूसरा आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। इलाके में यह चर्चा जोरों पर है कि यदि राजकुमार पैसे नहीं चुका पाता, तो क्या उसे भी किडनी बेचने के लिए मजबूर किया जाता।
जिले में बढ़ती अवैध साहूकारी की घटनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी विनय गौड़ा ने शुक्रवार को सभी साहूकारों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने स्पष्ट किया कि साहूकारी अधिनियम 2014 के नियमों का पालन अनिवार्य है। सभी लाइसेंसी साहूकारों का पंजीयन जरूरी होगा और सरकार द्वारा तय ब्याज दरों का सख्ती से पालन करना होगा। साथ ही, यदि रजिस्ट्रार द्वारा रिकॉर्ड मांगा जाता है, तो धारा 16 के तहत उसे प्रस्तुत करना अनिवार्य रहेगा।






