
पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) स्कीम निवेशकों को पैसा दोगुना करने की गारंटी देती है (सोर्स-सोशल मीडिया)
Post Office Savings Plan: सुरक्षित निवेश और निश्चित रिटर्न की तलाश करने वाले भारतीय निवेशकों के लिए किसान विकास पत्र एक बेहतरीन विकल्प है। यह केंद्र सरकार द्वारा समर्थित एक छोटी बचत योजना है जो पोस्ट ऑफिस के माध्यम से संचालित की जाती है।
बाजार के जोखिमों से दूर रहने वाले लोगों के लिए यह स्कीम भरोसेमंद है क्योंकि इसमें 100 फीसदी सरकारी गारंटी मिलती है। इसमें निवेश की गई राशि एक निर्धारित समय के बाद बिना किसी उतार-चढ़ाव के सीधे दोगुनी होकर वापस मिलती है।
किसान विकास पत्र की सबसे आकर्षक विशेषता इसकी ब्याज दर और निवेश को दोगुना करने की समय सीमा है। वर्तमान में सरकार इस योजना पर 7.5 प्रतिशत का वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज दे रही है जो आपके मुनाफे को तेजी से बढ़ाता है।
इस ब्याज दर के हिसाब से अगर आप आज निवेश करते हैं, तो आपकी पूरी राशि 115 महीनों यानी लगभग 9 साल और 7 महीने में दोगुनी हो जाएगी। अगर आपने 5 लाख रुपये का निवेश किया है, तो मैच्योरिटी के समय आपको बिना किसी रिस्क के पूरे 10 लाख रुपये प्राप्त होंगे।
इस योजना में मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग भी आसानी से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं क्योंकि न्यूनतम निवेश राशि मात्र 1000 रुपये है। खास बात यह है कि अधिकतम निवेश की कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है, जिससे आप अपनी बचत के अनुसार कितना भी पैसा लगा सकते हैं।
आप किसी भी नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर सिंगल या जॉइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके अलावा अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के भविष्य के लिए उनके नाम पर भी यह सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं।
KVP स्कीम के साथ मिलने वाली सुरक्षा इसे अन्य प्राइवेट निवेश विकल्पों से अलग और बेहतर बनाती है। चूंकि यह डाकघर की योजना है, इसलिए आपका मूलधन और उस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह सुरक्षित रहता है।
जरूरत पड़ने पर आप अपने KVP सर्टिफिकेट को गिरवी रखकर बैंकों से कम ब्याज दर पर लोन भी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही यह स्कीम नॉमिनेशन की सुविधा भी देती है और आप अपने खाते को देश के किसी भी एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में आसानी से ट्रांसफर करवा सकते हैं।
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निवेश करने से पहले यह जानना जरूरी है कि किसान विकास पत्र पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर योग्य यानी टैक्सेबल होता है। हालांकि इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती, लेकिन इसकी सुरक्षा और गारंटीड रिटर्न इसे लोकप्रिय बनाए हुए है।
वैसे तो यह एक लंबी अवधि की योजना है, लेकिन आपात स्थिति में ढाई साल यानी 30 महीने का लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद आप कुछ शर्तों के साथ अपनी जमा राशि निकाल सकते हैं।






