
बिहार विधानसभा चुनाव, 2025, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Agiaon Assembly Constituency: बिहार के भोजपुर जिले की अगिआंव विधानसभा सीट इस बार के चुनाव में सियासी हलचल का केंद्र बनी हुई है। यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है और यह आरा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। 2008 में परिसीमन के बाद 2010 में पहली बार अस्तित्व में आई यह सीट पूरी तरह से ग्रामीण मतदाताओं का क्षेत्र है, जहाँ अगिआंव, गड़हनी और चरपोखरी प्रखंड आते हैं। जिला मुख्यालय आरा से लगभग 48 किलोमीटर दूर स्थित यह क्षेत्र भोजपुर और रोहतास जिले की सीमा के निकट है, जो इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।
इस बार अगिआंव सीट पर कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिससे चुनावी मुकाबला कई कोणों से रोचक बन गया है। मुख्य मुकाबला इन तीन प्रमुख उम्मीदवारों के बीच होने की उम्मीद है। छोटे-छोटे उम्मीदवार कुछ वोट जरुर काटेंगे, लेकिन जीत-हार का खेल इन्हीं के बीच खेला जाएगा।
अगिआंव सीट का राजनीतिक इतिहास काफी अस्थिर रहा है और यह अक्सर बदलती गठबंधन की राजनीति का गवाह बनी है। साल 2010 में सीट के पहले चुनाव में भाजपा ने राजद उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की। वहीं साल 2015 में जदयू ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ चुनाव लड़ा और सीट जीती, जबकि भाजपा दूसरे स्थान पर रही। इसके बाद 2020 के चुनाव में जदयू वापस एनडीए में आई और भाकपा-माले महागठबंधन का हिस्सा बनी। इस चुनाव में भाकपा-माले के मनोज मंजिल ने जदयू समर्थित भाजपा उम्मीदवार को हरा दिया।
हालांकि, 2020 में विजयी विधायक मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिससे 2024 में उपचुनाव हुआ। भाकपा-माले ने इस उपचुनाव में भी अपनी सीट बरकरार रखी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत बनी हुई है।
अगिआंव एससी आरक्षित सीट है, फिर भी यहां जीत-हार का फैसला केवल आरक्षित समुदाय के वोटों से नहीं होता। इस विधानसभा क्षेत्र में राजपूत और यादव मतदाताओं की संख्या और उनका रुझान चुनावी नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार के परिणाम उम्मीदवारों की व्यक्तिगत लोकप्रियता के साथ-साथ इन जातीय समीकरणों पर भी निर्भर करेंगे। भाजपा, भाकपा-माले और जन स्वराज पार्टी के बीच का यह त्रिकोणीय मुकाबला हर पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है।
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राजनीतिक हलचल के अलावा, इस क्षेत्र का अपना एक सांस्कृतिक महत्व भी है। चरपोखरी अंचल के मुकुंदपुर गांव में स्थित देवी जगदम्बा का प्राचीन मंदिर यहाँ के निवासियों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र है। यह ग्रामीण परिवेश और इसकी सांस्कृतिक जड़ें, यहां की चुनावी प्रक्रिया को एक विशिष्ट पहचान देती हैं। अब देखना यह है कि इस बार के चुनाव में अगिआंव की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा भेजती है।






