
Ev की क्यों बढ़ी 2025 में मांग। (सौ. Freepik)
Electric Cars India: 2025 भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए ऐतिहासिक साल साबित हो रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों की तेज़ी से बढ़ती मांग ने पूरे उद्योग का रुख बदल दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि “2025 EV क्रांति का असली साल है, जब भारत ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बड़े स्तर पर अपनाना शुरू किया।” सरकार की नीतियों, बेहतर बैटरियों और बढ़ते चार्जिंग नेटवर्क ने इस बदलाव को और गति दी है।
2025 में EV कारों की बिक्री ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। मध्यम वर्ग के लिए किफायती मॉडल्स और लंबी रेंज वाली गाड़ियों ने मार्केट को मजबूत बनाया। कई कंपनियों का कहना है कि “ग्राहक अब EV को भविष्य नहीं, बल्कि आज का स्मार्ट विकल्प मान रहे हैं।”
नई बैटरी टेक्नोलॉजी ने इलेक्ट्रिक कारों की रेंज को काफी बढ़ाया है। फास्ट-चार्जिंग नेटवर्क के विस्तार से लंबी दूरी के सफर में भी भरोसा बढ़ा है। देश के प्रमुख शहरों में 15 मिनट में 80% चार्ज देने वाले स्टेशन तेजी से स्थापित हो रहे हैं।
FAME-II और राज्य स्तरीय सब्सिडियों ने आम लोगों के लिए EV खरीदना बेहद आसान बना दिया। रोड टैक्स, रजिस्ट्रेशन शुल्क और चार्जिंग स्टेशनों पर मिलने वाले प्रोत्साहन ने EV मार्केट को और मजबूती दी।
देशी और विदेशी दोनों कंपनियाँ भारतीय बाजार को दुनिया का सबसे बड़ा EV हब मान रही हैं। 2025 में 25 से अधिक नए इलेक्ट्रिक कार मॉडल लॉन्च हुए कंम्पेक्ट SUV से लेकर लग्जरी EV सेगमेंट तक सबकुछ शामिल रहा। एक उद्योग विशेषज्ञ के अनुसार, “भारत EV उत्पादन में वैश्विक स्तर पर शीर्ष 3 देशों में शामिल होने की क्षमता रखता है।”
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इलेक्ट्रिक कारों की बढ़ती संख्या ने प्रदूषण नियंत्रण में सकारात्मक परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं। प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक EV के उपयोग से शहरी इलाकों में कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय गिरावट आ रही है।
2025 की EV क्रांति ने भारत को नई ऊर्जा नीति और स्वच्छ परिवहन की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ाया है। आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक कारें न सिर्फ ऑटो सेक्टर बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देने वाली हैं।






