
EV की रफ्तार हुई तेज। (सौ. Pixabay)
Electric Vehicle Sustainable Travel: अब इलेक्ट्रिक वाहनों का दौर आ चुका है और शहरों से लेकर हाईवे तक लोग इन्हें चलाते नजर आ रहे हैं। पहले जहां लोग सोचते थे कि EV सिर्फ शहरी यात्राओं के लिए ही उपयुक्त हैं, वहीं अब लंबी रेंज वाले मॉडलों के आने से लोग आराम से एक शहर से दूसरे शहर तक रोड ट्रिप कर रहे हैं। बस फर्क इतना है कि पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में EV से सफर करने के लिए थोड़ी तैयारी पहले से करनी पड़ती है।
आपकी ड्राइविंग स्टाइल EV की रेंज पर सीधा असर डालती है। अगर आप एक तय स्पीड पर ड्राइव करते हैं, अचानक एक्सिलरेशन से बचते हैं और रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग का सही इस्तेमाल करते हैं, तो बैटरी ज्यादा देर तक चलेगी। कई नई EV में “वन-पेडल ड्राइविंग फीचर” भी दिया गया है यानी जैसे ही एक्सिलरेटर से पैर हटाते हैं, गाड़ी अपने आप स्लो हो जाती है और उसी दौरान बैटरी थोड़ी चार्ज भी हो जाती है।
चूंकि हर जगह पेट्रोल पंप की तरह चार्जिंग स्टेशन नहीं होते, इसलिए सफर शुरू करने से पहले रूट की अच्छी प्लानिंग जरूरी है। ऐसे स्थान चुनें जहां फास्ट चार्जिंग पॉइंट्स मिल सकें जैसे किसी मॉल, कैफे या टूरिस्ट स्पॉट के पास। साथ ही, 30-40 किलोमीटर की अतिरिक्त रेंज का बफर जरूर रखें। बड़े शहरों और हाईवे पर फास्ट डीसी चार्जर (50 kW से 150 kW) मिल जाते हैं, जो 20-30 मिनट में बैटरी को 80% तक चार्ज कर देते हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर एसी चार्जर होते हैं जिनमें अधिक समय लगता है।
पब्लिक चार्जर हमेशा भरोसेमंद नहीं होते, खासकर छोटे शहरों में। इसलिए दो चार्जर साथ रखें एक नॉर्मल चार्जर जो कहीं भी प्लग हो सके और दूसरा फास्ट चार्जर ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत चार्ज कर सकें। अपनी गाड़ी की चार्जिंग स्पीड और समय का सही अंदाजा रखना भी जरूरी है।
अगर आपका रूट पहाड़ी या घाटी से गुजरता है, तो बैटरी की खपत बढ़ जाती है। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि टायर प्रेशर सही रखें, वॉशर फ्लूड टॉप-अप करें और एक पोर्टेबल एयर फिलर साथ रखें। बहुत ठंड या गर्म मौसम में बैटरी परफॉर्मेंस घट जाती है, इसलिए रूट की योजना मौसम के अनुसार बनाएं।
हर EV यात्रा के लिए टूलकिट, फर्स्ट-एड बॉक्स, टायर इनफ्लेटर, जंप स्टार्टर, टॉर्च और बेसिक टूल्स जरूर रखें। साथ ही रोडसाइड असिस्टेंस नंबर अपने पास रखें ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
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हाइब्रिड गाड़ियां उन इलाकों में राहत देती हैं जहां चार्जिंग स्टेशन कम हैं। हाइब्रिड सिस्टम में मोटर जब एनर्जी खर्च करती है, तो उसी एनर्जी से बैटरी चार्ज होती रहती है। पेट्रोल खत्म होने पर भी 60-80 किलोमीटर तक की दूरी तय की जा सकती है। हालांकि, लंबे समय में पूरी तरह इलेक्ट्रिक गाड़ियां ज्यादा पर्यावरण हितैषी और कम मेंटेनेंस वाली साबित होती हैं।
सफर पर निकलने से पहले घर से ही गाड़ी को पूरी तरह चार्ज करें और कम से कम 12-13 घंटे चार्जिंग दें। इससे रास्ते में किसी तरह की चिंता नहीं रहेगी और यात्रा ज्यादा आनंददायक बनेगी।






