
अवैध होर्डिंग (सौजन्य-नवभारत)
High Court Order: हाई कोर्ट ने अवैध और अनधिकृत होर्डिंग्स हटाने के संबंध में अदालत के आदेश का पालन न करने पर मनपा के अधिकारियों की घोर अवमानना पाई है और उन्हें कड़ी सजा की चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा कि अवमानना याचिका वर्ष 2010 से चल रही है और 15 साल बाद भी अधिकारी कोर्ट के विभिन्न आदेशों का पालन करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
कोर्ट को नागपुर शहर में विशेष रूप से वर्धा रोड (एयरपोर्ट से सिविल लाइंस तक) अवैध और अनधिकृत होर्डिंग्स के बारे में कई शिकायतें मिली हैं। मनपा के वकील अधि। जैमिनी कासट ने कोर्ट में यह बयान दिया था कि ऐसे होर्डिंग्स हटा दिए गए हैं। इस बयान की सत्यता की जांच करने के लिए कोर्ट ने वकील कौस्तुभ देवगड़े से वर्धा रोड का दौरा करने और स्थिति की पुष्टि करने का अनुरोध किया।
जब दोपहर 2.30 बजे मामले को आगे की सुनवाई के लिए रखा गया तो देवगड़े ने कोर्ट को सूचित किया कि उन्हें वर्धा रोड पर असंख्य अनधिकृत और अवैध होर्डिंग्स मिले हैं। इस तथ्य से पता चला कि निगम के वकील द्वारा दिया गया बयान कि होर्डिंग्स हटा दिए गए हैं, गलत था।
कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि यह नगर निगम के अधिकारियों द्वारा खुलेआम अवमानना को दर्शाता है, और कोर्ट की राय है कि ऐसे अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए। हालांकि मनपा के वकील कासट ने कोर्ट से नागपुर शहर से अवैध होर्डिंग्स हटाने के लिए आदेश का पालन करने हेतु एक अंतिम अवसर देने का अनुरोध किया। कोर्ट ने इस अनुरोध पर विचार करते हुए नगर निगम को यह अंतिम मौका देने का फैसला किया है।
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कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आज दिए गए बयान (कि होर्डिंग्स हटा दिए गए हैं) से किसी भी विचलन की स्थिति में, अधिकारियों को अवमानना अधिनियम, 1971 के प्रावधानों के तहत सजा दी जा सकती है। मामले को अनुपालन के लिए 10 दिसंबर 2025 को शाम 4.15 बजे आगे की सुनवाई के लिए रखा जाएगा। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि मनपा को वकील कौस्तुभ देवगड़े द्वारा ली गईं तस्वीरों का खर्च वहन करना होगा।






